प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रबुद्ध भारत के 125वें वार्षिकोत्सव समारोह को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारत को प्रबुद्ध और जागृत बनाना चाहते थे। उनके अंदर गरीबों के प्रति सहानुभूति थी। वे मानते थे कि गरीबी सारी समस्या की जड़ है, इसलिए गरीबी को राष्ट्र से खत्म करना होगा। अगर गरीब बैंकों तक नहीं पहुंच सकते तो बैंकों को गरीबों तक पहुंचाया जाए। यही जन धन योजना ने किया। अगर गरीब स्वास्थ्य सेवाओं तक नहीं पहुंच सकते तो स्वास्थ्य सेवाओं को गरीबों तक पहुंचाया जाए, यही आयुष्मान भारत योजना ने किया है।गौरतलब है कि प्रबुद्ध भारत पत्रिका भारत के प्राचीन आध्यामिक ज्ञान के संदेश को प्रसारित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम रही है। ब्रिटिश भारत में इसके माध्यम से आधायात्मिक क्षेत्र में हलचल हुई और जिसका प्रभाव स्वतंत्रता आंदोलन पर भी पड़ा। नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाल गंगाधर तिलक ने अपने लेखन से कई वर्षों तक पत्रिका में योगदान किया।
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