एक तरफ एलओसी पर मुनीर की सेना को मुंह की खानी पड़ी तो दूसरी तरफ बलूचिस्तान में बीएलए मजबूती के साथ पाकिस्तानी आर्मी को चुनौती दे रहे हैं। हाल ये है कि अब इस इलाके में मुनीर की सेना को बलूच आर्मी ने हमला तेज कर दिया है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या अब बलूचिस्तान में भी मुनीर की आर्मी को मुंह की खानी पड़ेगी? इधर पाकिस्तान बेशर्मी पर उतर आया है। सीजफायर को ही अपनी जीत बता रहा है। लेकिन ये सीजफायर नहीं बल्कि मुनरी सेना का एक तरह से सरेंडर है क्योंकि मुनीर ये जानते थे कि अगर सीजफायर नहीं होगा तो उसका अंजाम क्या होगा।
अमेरिका से चुने गए पहले पोप, लियो 14वें ने यूक्रेन में शांति और गाजा में तुरंत सीजफायर की अपील की। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच समझौते का भी जिक्र किया। कहा कि मुझे उम्मीद है कि बातचीत से जल्द एक स्थायी समझौता हो जाएगा। पोप ने कहा, ‘मैं भी दुनिया की ताकतों से कहता हूं- अब और युद्ध नहीं।’ सेंट पीटर्स बेसिलिका की बालकनी से उन्होंने करीब 1 लाख लोगों को संबोधित किया। यह वही जगह है जहां से गुरुवार को पोप चुने जाने के बाद उन्होंने पहली बार दुनिया को संबोधित किया था और तब भी शांति का ही संदेश दिया था। पोप लियो 14वें ने रविवार की पारंपरिक आशीर्वाद परंपरा को अपनाया, लेकिन कुछ बदलावों के साथ। जहां पहले पोप आशीर्वाद वैटिकन के अपोस्टोलिक पैलेस की खिड़की से देते थे, वहीं लियो 14वें ने चर्च के मध्य भाग से सीधे लोगों को संबोधित किया।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बातचीत की पेशकश के कुछ घंटे बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर इसे लेकर खुशी जताई। उन्होंने लिखा, यह रूस और यूक्रेन के लिए एक शानदार दिन हो सकता है। मैं दोनों पक्षों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने की कोशिश करता रहूंगा कि शांति वार्ता हो सके। अगला हफ्ता बहुत अहम होने वाला है।