भारत और रूस के बीच एक महत्वपूर्ण रक्षा सौदे को लेकर ट्रंप के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन नहीं चाहता है कि वह कोई ऐसा निर्णय ले जिससे ‘उसके बड़े रक्षा सहयोगी’ भारत की रक्षा क्षमताओं में गिरावट आए। दरअसल अधिकारी ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट’ (सीएएटीएसए) का हवाला दे रहे थे जिसके तहत रूस से महत्वपूर्ण रक्षा खरीदारी प्रतिबंधित है और ऐसा करने पर संबंधित देश पर प्रतिबंध लगाए जाते हैं।अमेरिका ने इससे पहले कहा था कि वह भारत समेत कई देशों को सीएएटीएसए के तहत संभावित प्रतिबंधात्मक गतिविधियों से बचने और उसकी पहचान करने में मदद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच कई वार्ताओं के बाद भारत और रूस ने अक्टूबर, 2018 में पांच अरब डॉलर के एस-400 वायु रक्षा प्रणाली सौदे पर हस्ताक्षर किया था। एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की रूस से खरीदारी के निहितार्थ को लेकर पूछे गए सवाल पर अधिकारी ने कहा कि मैं जानता हूं कि भारत ने वाजिब चिंताएं जाहिर की हैं…वह इसे पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहते हैं…और वह हमारे प्रमुख साझेदार हैं और हम नहीं चाहते हैं कि उनके साथ ऐसा हो। हम उनकी रक्षा क्षमताओं को कम नहीं करना चाहते हैं।’’
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