परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष के पावन सान्न्ध्यि में उपमुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश की गरिमामयी उपस्थिति*
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*संगम के तट से सभी के दिलों में संस्कृति व संस्कारों का संगम भी हो
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महाकुंभ नगर । अरैल घाट, प्रयागराज में दिव्य संगम महाआरती का भव्य आयोजन हुआ। परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज के पवन सानिध्य और उपमुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश बृजेश पाठक जी और केशवप्रसाद मौर्य जी की गरिमामयी उपस्थिति में आरती के महाअनुष्ठान का शुभारंभ हुआ। महाआरती के इस ऐतिहासिक और अद्भुत अवसर पर सैकडों श्रद्धालुओं ने सहभाग किया।
स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने इस अवसर पर अपने दिव्य सन्देश में कहा कि आरती केवल एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि यह आत्मिक, आध्यात्मिक, पर्यावरण और सामाजिक चेतना के जागरण का एक उत्कृष्ट माध्यम भी है। आरती के माध्यम से हम न केवल आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ते हैं, बल्कि इससे समाज में जागरूकता और संवेदनशीलता भी आती हैं।
स्वामी जी ने कुम्भ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कुम्भ केवल सनातन धर्म का प्रतीक ही नहीं है, बल्कि यह पूरे विश्व के लिए एक दिव्य पर्व है। कुम्भ का यह संगम विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों, और विचारधाराओं के मिलन केन्द्र है। यह भक्ति की शक्ति का अद्भुत दर्शन है, जो सभी को एकजुट करने का कार्य करता है।
स्वामी जी ने यह भी कहा कि कुम्भ मेला केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ने, पर्यावरण की रक्षा करने और प्राकृतिक आपदाओं की शांति के लिए भी समर्पित है। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से आह्वान किया कि हम सब मिलकर इस पर्व को पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाएं, ताकि यह आयोजन सफल और सम्मानजनक रूप से संपन्न हो। यह मेला भारत की समृद्ध संस्कृति और धार्मिक धरोहर का प्रतीक है, जो पूरे देश और दुनिया भर के लोगों को एकजुट करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस महाआरती से हम सभी को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होता है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी और ब्रजेश पाठक जी ने नेपाल में आए भूकंप से हुई हानि और अमेरिका में हो रही आगजनी की घटना में हताहत हुए लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ तथा हताहतों की आत्मा की शांति के लिए विशेष प्रार्थना की।