श्री कृष्ण जन्मोत्सव पटनावासी शुक्रवार को ध्रुव और जायद योग में मनाएंगे। हर साल से अलग इस बार कृष्ण जन्माष्टमी गृहस्थ और साधु संत अलग-अलग दिन में नहीं बल्कि एक साथ शुक्रवार 19 अगस्त को मनाएंगे। एक ही दिन उपवास करेंगे और 20 अगस्त शनिवार को व्रत का प्रसाद ग्रहण कर उपवास समाप्त करेंगे।आचार्य माधवानंद (माधव जी) कहते हैं कि इस बार ग्रहों का ऐसा योग है कि गृहस्थ और साधु-संत एक साथ जन्माष्टमी का त्योहार मना रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पीके युग कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्र कृष्ण पक्ष अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था लेकिन 19 अगस्त (शुक्रवार) को दो साल बाद जन्माष्टमी कृत्तिका नक्षत्र में मनाया जा रहा है। रोहिणी नक्षत्र का संबंध जहां चंद्रमा से होता है वहीं कृतिका नक्षत्र का संबंध सूर्य से होता है। जो शासन सत्ता से जुड़ा होता है। भगवान श्रीकृष्ण की पूजा गृहस्थ सुख-सौभाग्य, पुत्र व वंशवृद्धि के लिए करते हैं।
Related posts
-
शंखनाद से सकारात्मक ऊर्जा का होता है संचार, जानिए धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण
हिंदू धर्म में शंख को शुभ और पवित्र माना जाता है। धार्मिक अनुष्ठानों में शंख का... -
मई में 6 बड़े ग्रहों का होगा राशि परिवर्तन, जानिए किन राशियों पर होगा इसका असर?
ज्योतिष की दृष्टि से वर्ष 2025 काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। अब अगस्त का महीना ज्योतिष... -
पेरेंट्स को नाम रोशन करते हैं इस मूलांक के लोग, पैसों की कभी नहीं होती है कमी
किसी भी व्यक्ति की जन्मतिथि को जोड़कर मूलांक निकाला जाता है। अंक ज्योतिष शास्त्र में मूलांक...