इंग्लैंड के एक पूर्व क्रिकेटर मोंटे लिंच ने आरोप लगाया कि जब वह खिलाड़ी के तौर पर सक्रिय थे तब काउंटी क्रिकेट में उनके साथी खिलाड़ियों और दर्शकों ने उनके साथ नस्लीय दुर्व्यवहार किया था। लिंच भी उन खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गये जिन्होंने नस्लीय दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। इससे पहले अजीम रफीक ने यॉर्कशर क्रिकेट क्लब पर ‘संस्थागत रूप से नस्लवादी’ होने का आरोप लगाया था। लिंच ने ‘द क्रिकेटर’ नामक पत्रिका को दिये साक्षात्कार में बताया, ‘‘ होटल के मेरे कमरे के दरवाजे के नीचे थे नस्लवादी टिप्पणियों वाले लेख डाले गये थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे बक्से में संतरे का जूस और दूध भर दिया गया था।मुझे कई मुद्दों का सामना करना पड़ा।’’ उन्होंने कहा कि हेडिंग्ले में एकदिवसीय मैच के दौरान यॉर्कशर से जुड़े तीन पुराने लोगों ने कहा , ‘‘ हम तुम्हारे जैसे अश्वेत को कल छुपने का अच्छा मौका देगें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें अक्सर ‘चोकर’ कहा जाता था।’’ लिंच का जन्म गयाना में हुआ था। वह 13 साल की उम्र में इंग्लैंड आये थे। उन्होंने सरे और ग्लूस्टरशर का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने 1988 में इंग्लैंड के लिए तीन एकदिवसीय खेले हैं। लिंच ने कहा कि वह अगले साल अपनी आत्मकथा जारी करने की सोच रहे है जिसमें उनके खेल के दिनों के परेशानियों का जिक्र होगा।
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