ब्लॉक संसाधन केंद्र,बीआरसी उरुवा में एक दिवसीय कार्यशाला में किया गया प्रशिक्षित
★बीईओ कैलाश सिंह ने सभी लोगों को संचारी रोगों के बारे में भी बताया★
मेजा: विकास खंड उरुवा के ब्लॉक संसाधन केंद्र के सभागार में शुक्रवार,22 मार्च 2024 को परिषदीय विद्यालयों के विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष और सचिवों की एक दिवसीय कार्यशाला खंड शिक्षा अधिकारी उरुवा कैलाश सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शैक्षिक सत्र 2023 और 2024 के समस्त परिषदीय विद्यालयों में विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को उनके कर्तव्य एवं दायित्व, सामुदायिक एवं अभिभावकों की सहभागिता, पॉजिटिव, पैरटिंग तथा समग्र शिक्षा द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों में उनकी भूमिका को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण संदर्भदाता बृजेश शुक्ला ने बताया कि उत्तर प्रदेश में नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली,2011 के अनुसार विद्यालय प्रबंध समिति में कुल 15 सदस्य होते हैं। जिनमें से 11 सदस्य विद्यालय में प्रवेश प्राप्त बच्चों के माता-पिता या अभिभावक और चार नामित सदस्य होते हैं। समिति के कुल सदस्यों में से कम से कम 50 प्रतिशत महिलाओं का होना अनिवार्य है। अधिनियम के अंतर्गत समुदाय एवं माता-पिता को यह अवसर प्राप्त है कि अपने बच्चों के लिए विद्यालय प्रबंध समिति में शामिल होकर विद्यालयों में समुदाय की सहभागिता एवं विद्यालय के विकास में सहयोग प्रदान करें। प्रशिक्षण सन्दर्भदाता संतोष दुबे ने बताया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम में विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों एवं स्थानीय प्राधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों का दायित्व है कि वह समय-समय पर विद्यालय में पहुंचकर विद्यालय संचालन में सहयोग प्रदान करना चाहिए। विद्यालय में सामुदायिक सहभागिता का मतलब है कि विद्यालयों की योजना और प्रबंधन में माता-पिता और समुदाय के सदस्यों की भागीदारी बढ़े, जिससे छात्रों की उपस्थिति नियमित हो और उनके सीखने की गति में बढ़ोतरी होगी। जिससे निपुण भारत मिशन का मकसद पूरा होगा तथा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। विद्यालय और समुदाय के बीच बहुत ही गहरा संबंध है। इसी कारण विद्यालय की समस्त गतिविधियों में प्रबंध समिति को जोड़ा गया है। एसएमसी को स्कूलों के कामकाज की निगरानी करने, सरकार द्वारा प्राप्त अनुदान का प्रभावी और सार्थक उपयोग सुनिश्चित करने, शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के कार्यन्वयन की निगरानी करने, स्कूल में संचालित सभी योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखना, विद्यालय में मध्यान भोजन समय से मीनू के अनुसार छात्रों को प्राप्त होना तथा डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खाते में प्रेषित धनराशि का बच्चों के लिए उपयोग होना जैसे सभी संचालित योजनाओं और दायित्वों पर जागरूकता लाने के लिए यह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। वहीं प्रशिक्षण में खंड शिक्षा अधिकारी उरुवा कैलाश सिंह ने सभी लोगो को संचारी रोगों के बारे में बताते हुए कहा कि यह रोग एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति में फैल सकते हैं। इन बीमारियों का कारण बनने वाले रोगजनक विभिन्न तरीकों से फैल सकते हैं, जैसे हवा के माध्यम से, दूषित पदार्थों या सतहों के संपर्क से, या जानवरों और कीड़ों के काटने से। कई संचारी रोगों में हल्के लक्षण होते हैं, जो उपचार के बिना ठीक हो जाते हैं। संक्रामक रोगों की व्यक्तिगत और समग्र रिपोर्टों के आधार पर महामारी विज्ञान की निगरानी सामुदायिक स्तर पर या व्यक्तिगत रोगियों के लिए हस्तक्षेप की योजना बनाने के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करती है। साथ ही अन्य सूचना स्रोत, जैसे अस्पताल से छुट्टी डेटा और प्रहरी केंद्रों की निगरानी भी प्रदान करती है। ये विशिष्ट चिकित्सा या सामुदायिक साइटें हो सकती हैं,जो आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं और किसी क्षेत्र या आबादी समूह की निगरानी के लिए अच्छे स्तर की रिपोर्टिंग प्रदान करने में सक्षम हैं। बीआरसी उरुवा के कार्यालय प्रभारी रोहित त्रिपाठी ने बताया कि कार्यशाला मे ब्लॉक के तीन सन्दर्भदाता बृजेश शुक्ला, संतोष दुबे और गिरीश श्रीवास्तव द्वारा सभी को सही ढंग से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ब्लॉक के इस प्रशिक्षण में सभी परिषदीय विद्यालयों के प्रबंध समिति के अध्यक्ष मिलन, सरोजा देवी, मनीष कुमार, योगेंद्र यादव, शिवकरन, दीपिका, रामबाबू, संतोष कुमार, मालती देवी, सन्नो देवी व राजीव यादव और प्रधानाध्यापक अजय ओझा, पुष्कर द्विवेदी, दिवाकर दत्त मिश्रा, ज्ञानेंद्र सिंह, प्रदीप कुमार, रीता मिश्रा, इरफान अहमद, अनिल शुक्ला, माया तिवारी, रेखा श्रीवास्तव, शिप्रा, माधुरी, शशिकांता सैनी, स्तुति श्रीवास्तव, अजीत मिश्रा व रामसेवक आदि उपस्थित रहे।