नवाबगंज।श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ कथा के छठवें दिन पिपरौंध में कथा वाचक डा0 विनोद जी महाराज के मुखार बिन्द से श्री कृष्ण जी की बाल लीला एवं कालिया नाग मर्दन व कंस उद्धार का सुन्दर वर्णन व रुक्मिणी विवाह प्रसंग का अद्भुत वर्णन अपने विचारों से व्यक्त करते हुए उपस्थित श्रोताओं के मन को प्रफुल्लित कर दिया। तथा उन्होंने भगवान के प्रति हमेशा विश्वास की भावना ही मन में रखना चाहिए। कुंठित भावना व स्वार्थ के लिए भगवान का स्मरण नही करना चाहिए।उन्होंने कहा कि अच्छे विचार ही पांडव है और बुरे विचार कौरव है। मानव को शान्ति व प्रसन्न रहने के लिए गीता का पाठ करना चाहिए।और सब को जोड़कर कृष्ण की भक्ति करनी चाहिए और उनकी लीला का स्मरण करना चाहिए यजमान पंडित रमेश चन्द्र त्रिपाठी ने आये हुये अथितियों का आभार प्रकट किया।कथा में राजमणी त्रिपाठी, प्रमोद मनी त्रिपाठी,डा0 सरोज मिश्र, विनोद ओझा नेता भारतीय जनता पार्टी,अवधेश मिश्र,पप्पू शर्मा,हरिश्चन्द्र त्रिपाठी, राम कैलाश मिश्र, प्रमोद मिश्र,सुनीता देवी आदि लोग रहे।
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