ग्रहदोष से छुटकारा पाने के लिए गंगा सप्तमी के दिन क्या करें और क्या न करें?

हिंदू धर्म में  गंगा नदी को सबसे पवित्र नदी मानी जाती है। पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का पर्व मनाई जाती है। इस साल गंगा सप्तमी 14 मई को मनाई जाएगी। मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति गंगा सप्तमी के दिन  गंगा नदी में स्नान करता है और पूजा-पाठ करता है। उस व्यक्ति के सारे पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।  गंगा के स्नान से आध्यात्मिक शुद्धि प्राप्त होती है। इस दिन नए जीवन की शुरुआत करने के लिए भी शुभ माना जाता है। चलिए आपको बताते हैं  गंगा सप्तमी के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

गंगा सप्तमी के दिन क्या करना?

– गंगा सप्तमी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को  गंगा नदी के अवतरण का प्रतीक माना जाता है। इस वजह से इस दिन को मां गंगा की पूजा-अर्चना की जाती है और दान पुण्य के कार्य किए जाते है।

– सूर्योदय से पहले उठें और गंगा स्नान करें। अगर संभव हो तो,  गंगा नदी में स्नान करें। अगर गंगा नदी तक नही जा सकते हैं, तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

– गंगा नदी के किनारे भगवान सूर्य,  गंगा माता की पूजा करें। मां  गंगा को फूल, फल, मिठाई और धूप-दीप अर्पित कर सकते हैं। गंगा सप्तमी के दिन किए गए पूजा-अर्चना का विशेष फल मिलता है।

– गंगा सप्तमी के दिन दान-पुण्य करना शुभ होता है। इस दिन जरुरतमंदों को दान कर सकते हैं।

– गंगा सप्तमी के दिन विधिवत पूजा करने के बाद आरती अवश्य करें।

– इस दिन आप गंगा स्तोत्र का पाठ जरुर करें ये शुभ माना जाता है।

गंगा सप्तमी के दिन क्या नहीं करें?

– गंगा स्नान करते समय मन में शुद्ध और सकारात्मक विचार रखें। इस दिन किसी के प्रति द्वेष, जलन, या क्रोध रखते हुए स्नान न करें।

–  गंगा सप्तमी के दिन साबुन का प्रयोग करने से बचें।

–  गंगा स्नान के दौरान मौन रहना या मंत्रों का जाप करना चाहिए। किसी को अपशब्द न बोले और झगड़ा करने से बचें।

– गंगा स्नान से पहले मुंह साफ कर लें। जूठे मुंह स्नान न करें।

– इस दिन मांस-मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए।

– इस दिन दरवाजे पर आए किसी भी जातक को खाली हाथ न भेजें।

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