दिल्ली के शाहीन बाग और जामिया मिलिया इस्लामिया के बाहर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शनों में सोमवार को हजारों लोगों ने ‘आजादी’ के नारे लगाये। शाम को दोनों स्थलों पर करीब 1500 से 2000 प्रदर्शनकारी जमा हुए। इन जगहों पर तीन सप्ताह से अधिक समय से प्रदर्शन जारी हैं।स्थानीय नागरिकों और छात्रों को ‘आजादी’, ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाते सुना गया। उन्होंने रविवार शाम को जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमले की निंदा की। जामिया के गेट नंबर सात के बाहर जमा हुए सैकड़ों लोगों में दिव्यांग छात्र मोहम्मद शुएब भी था जो कानपुर से आया है। उसने कहा, ‘‘मेरी बहन यहां पढ़ती है। मैं सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों में शामिल होने यहां आया हूं।’’शाहीन बाग में दिल्ली विश्वविद्यालय के 17 साल के एक छात्र के हाथ में तख्ती थी जिस पर सरकार से सीएए को और एनआरसी के विचार को निरस्त करने की मांग की गयी। शाहीन बाग में कम्युनिस्ट गदर पार्टी ऑफ इंडिया के कुछ सदस्य भी थे जिनके हाथों में सीएए और एनआरसी के खिलाफ बैनर थे।
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