इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने अखबारों में इश्तिहार के जरिये, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भगोड़ा घोषित होने से बचने के लिये, 24 नवंबर तक अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। दरअसल, शरीफ ने लंदन स्थित अपने आवास पर गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट स्वीकार करने से कथित तौर पर इनकार कर दिया, जिसके बाद अदालत का यह आदेश आया है। न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी और न्यायमूर्ति आमिर फारूक की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि गवाहों के बयानों और दस्तावेजों की पड़ताल से यह जाहिर होता है किअल अजीजिया और एवेनफील्ड रिश्वत मामलों में अदालत में शरीफ की उपस्थिति सुनश्चित करने के लिये उनके खिलाफ जारी गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट को तामील करने की पूरी कोशिश की गई। अदालत ने सात अक्टूबर को प्रथम सचिव (दूतावास मामलों), दिलदार अल एब्रो और लंदन स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के काउंसलर अताशे राव अब्दुल हन्नान तथा विदेश मंत्रालय में यूरोप-1 के लिये निदेशक मोहम्मद मुबशीर खान के बयान दर्ज किये थे।
Related posts
-
जयशंकर का डिप्लोमैटिक एक्शन, UNSC के 7 अस्थायी सदस्य देशों से की बात, जानें कैसे फंसेगा पाकिस्तान
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के मद्देनजर, जिसमें 26 नागरिकों की जान चली... -
52 % ने बताया खतरनाक तानाशाह, क्यों गिरकर 41 % तक गिर गई ट्रंप की लोकप्रियता
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को सत्ता में आए महज 100 दिन न हुए हुए हैं। हैं।... -
अयोध्या में बाबरी मस्जिद की ईंट रखेंगे पाक सेना के जवान, मुनीर पढ़ेंगे पहली अजान
ऐसा लगता है कि इस्लामाबाद पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच चल...