प्रयागराज। बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली ने रविवार को प्रयागराज स्थित आशुतोष हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर प्रा.लि में स्पेशलिटी कैम्प के साथ अपनी जॉइंट रिप्लेसमेंट, स्पाइन और कैंसर ओपीडी सेवाएं शुरू की। जहां कैंसर, जोड़ों और रीढ़ की बीमारियों की जांच की जाएगी।
यह जानकारी आशुतोष अस्पताल के संस्थापक डॉ. यू.बी यादव ने पत्रकारों को देते हुए बताया कि प्रयागराज में सभी नवीनतम तकनीकें और विशेषज्ञता लाए हैं और अब मरीज को दिल्ली की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं है, वे अपने दरवाजे पर वैसी ही सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। नई दिल्ली के बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सेंटर फॉर जॉइंट रिप्लेसमेंट के निदेशक डॉ. भूषण नारियानी ने लॉन्च की घोषणा करते हुए कहा कि ऑर्थोपेडिक समस्याएं इन दिनों सभी आयु समूहों में आम बात हो गई हैं। जोड़ों का दर्द, सूजन और अन्य जटिलताओं को आमतौर पर रोगी उपेक्षित कर देते हैं। ओपीडी के दौरान, हम जोड़ों की इन समस्याओं का पता लगाने पर ध्यान देते हैं ताकि उनका प्रारंभिक चरण में इलाज किया जा सके और अच्छी तरह से पूरा उपचार किया जा सके। लेकिन ज्यादा गंभीर बीमारी वाले मरीजों को ट्रांसप्लांट के विकल्पों के बारे में जागरूक किया गया है।
बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट, ऑर्थोपेडिक्स स्पाइन सर्जरी डॉ. राजेश वर्मा ने कहा कि रीढ़ से संबंधित समस्याएं इन दिनों सभी आयु समूहों में आम बात है। कमर में दर्द, पीठ में तनाव, डिजनरेटिव डिस्क डिसीज़ और पीठ दर्द की चोटें अब कम उम्र के लोगों में भी आम हो गई हैं। लंबे समय तक बैठना, गलत मुद्रा और रीढ़ की चोटें ऐसी समस्याओं का मुख्य कारण हैं।
बीएलके हॉस्पिटल के एसोसिएट कंसल्टेंट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, डॉ. यश चड्ढा ने कहा कि प्रयागराज में ऑन्कोलॉजी शिविर का उद्देश्य कैंसर की स्क्रीनिंग और शीघ्र निदान के बारे में जागरूकता पैदा करना है। लगभग 50 प्रतिशत कैंसर रोगियों को तीसरे या चैथे चरण में अपनी बीमारियों का पता चलता है, जो उनके जीवित रहने की संभावना को गंभीर रूप से सीमित करता है। अगर जल्दी पता चल जाए तो कुछ कैंसर पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं।
बीएलके अस्पताल के सलाहकार, जॉइंट रिप्लेसमेंट डॉ. शिवम तिवारी ने कहा कि स्क्रीनिंग और परामर्श के लिए बड़ी संख्या में लोगों को ओपीडी में भाग लेते देखना उत्साहजनक है। हमने पाया कि शिविर में आने वाले अधिकांश लोग जोड़ों के विभिन्न विकारों से पीड़ित थे। उन्हें बेहतर इलाज और देखभाल के लिए सही उपचार योजना और दवा की सलाह दी है।