जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के संस्थापक मकबूल बट्ट की 26वीं बरसी के मद्देनजर मंगलवार को कश्मीर घाटी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियातन इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई। हालांकि, शाम में यह बहाल कर दी गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इंटरनेट सेवा तड़के निलंबित कर दी गई क्योंकि अलगाववादी संगठनों द्वारा बट्ट की बरसी को लेकर बंद का आह्वान किया गया था, जिसके चलते हिंसा की आशंका पैदा हो गई थी। अधिकारियों ने बताया कि घाटी में शाम में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को पिछले साल पांच अगस्त को खत्म किए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों — जम्मू कश्मीर और लद्दाख– में विभाजित करने की केंद्र की घोषणा के करीब पांच महीने बाद 25 जनवरी को 2जी इंटरनेट सेवा बहाल की गई।संसद हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरु की बरसी पर रविवार को भी इंटरनेट सेवा बंद की गई थी क्योंकि अलगाववादी संगठनों ने बंद का आह्वान किया था। पुलिस ने प्रतिबंधित जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के खिलाफ अफजल गुरु की बरसी पर बंद बुलाने के संबंध में शनिवार को प्राथमिकी दर्ज की। बट्ट को 1984 में तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी और उसे वहीं दफना भी दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में जनजीवन प्रभावित है। उन्होंने बताया कि बाजार और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद हैं और सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद हैं। अधिकारियों ने बताया कि शहर और घाटी के अन्य संवेदनशील स्थानों पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। उन्होंने बताया कि घाटी में किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।
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