लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि भारत विविधताओं से भरा देश है जिसकी ताकत इसका लोकतंत्र और इसकी विविधता है। संसदीय ज्ञानपीठ में 35वें अंतरराष्ट्रीय विधायी प्रारूपण प्रशिक्षण संबंधी एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सुशासन प्रभावी कानून बनाने के साथ जुड़ा है और ऐसे कार्यक्रमों से हमें लोकतन्त्र को सुदृढ़ बनाने में बहुत मदद मिलती है। विधि निर्माण का लक्ष्य लोगों का सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक उत्थान होना चाहिए और इस संदर्भ में प्रभावी विधायी प्रारूपण बहुत महत्वपूर्ण होता है।’’लोकसभा सचिवालय की विज्ञप्ति के अनुसार उन्होंने कहा कि भारत विश्व में सबसे बड़ा लोकतन्त्र है और पिछले आम चुनाव में 60 करोड़ से भी अधिक लोगों ने मतदान किया। भारतीय लोकतन्त्र की विशेषता पूरी पारदर्शिता से किए जाने वाले स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हैं। भारत की संसद में विधायी प्रक्रिया जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि भारत में संवाद और वाद-विवाद की समृद्ध परंपरा रही है। पूरे देश के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी दलों के सदस्य कानून पर बहुत बारीकी से चर्चा करते हैं और उसके बाद ही इसे संसद द्वारा पारित किया जाता है। उन्होंने कहा कि तेजी से ‘‘वैश्वीकृत हो रही दुनिया में यह आवश्यक है कि विश्व के सभी देश परस्पर विश्वास और सहयोग के वातावरण में शांति, सुरक्षा और विकास के लिए मिलकर काम करें।
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