वो मुझे टीम से निकालना चाहता है’, पुजारा ने किस पर साधा था निशाना? पत्नी ने खोले राज

भारतीय क्रिकेट की ‘दीवार’ कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा भले ही भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं लेकिन वह इन दिनों सुर्खियों में छाए हुए हैं। इस बार उनके चर्चाओं में आने का कारण उनकी पत्नी पूजा पाबरी हैं, जिन्होंने अपनी किताब में पति की क्रिकेटिंग लाइफ से जुड़े कुछ अहम किस्सों और वाकियों को साझा किया है। अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को भारत की टेस्ट टीम से बाहर हुए दो साल से ज्यादा समय बीत चुका है। उन्हें आखिरी बार भारत के लिए जून 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते देखा गया था। तब से वह टीम से बाहर हैं। पुजारा ने भारत के लिए 103 टेस्ट मैचों में 7195 रन बनाए हैं। इनमें 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। दमदार प्रदर्शन के बावजूद उन्हें टीम में जगह नहीं मिल रही है।

चेतेश्वर की पत्नी पूजा ने अपनी किताब ‘द डायरी ऑफ ए क्रिकेटर वाइफ’ में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान पुजारा को टीम से बाहर करने की कोशिशें हो रही थीं। यह घटना उस वक्त की है जब पुजारा फॉर्म से बाहर चल रहे थे और पर्थ टेस्ट में सिर्फ 28 रन बना पाए थे। भारत यह मुकाबला हार गया था और उस वक्त पुजारा हल्की हैमस्ट्रिंग की समस्या से भी जूझ रहे थे। उस वक्त अनुभवी बल्लेबाज को टीम से बाहर करने की चर्चाएं चल रही थीं।

पूजा ने सुन ली थीं पुजारा की बातें
पूजा ने लिखा- चेतेश्वर ने अपने तीन दिन के ब्रेक का भरपूर आनंद लिया और अपने कमरे से बाहर नहीं निकले। वे अपनी हैमस्ट्रिंग की चोट का इलाज करवाने के लिए ही कमरे से बाहर आते थे। एक बार जब वे बाहर निकले तो उन्होंने किसी को फोन पर बातचीत करते हुए सुना, जिसमें कहा गया था कि वे नहीं चाहते कि मेरे पति आने वाले मैच में खेलें, क्योंकि वे फिट नहीं हैं। लेकिन चेतेश्वर ने ये अहसास नहीं होने दिया कि वह अपने बारे में हो रही बातचीत जान चुके हैं और न ही उन्होंने पापा की मेडिकल स्थिति के बारे में किसी को बताया।

पुजारा को टीम से बाहर करने की हो रही थी साजिश?
पूजा ने आगे लिखा- मैं आमतौर पर मैदान पर होने वाली गपशप और राजनीति के बारे में दूसरे खिलाड़ियों की पत्नियों से ही जानती थी। चेतेश्वर ने मुझे कभी कुछ नहीं बताया। फोन पर भी वह सिर्फ तीन चीज ही कहता था, ‘हमने अभ्यास किया, टीम मीटिंग की और फिर मैं कमरे में वापस आ गया। रोज, साल दर साल मुझे यही सब सुनने को मिला। वह अपने प्रोफेशनल लाइफ को छोड़कर हर चीज़ के बारे में बात करने के लिए तैयार रहता था। कई बार मुझे आश्चर्य होता था कि क्या उसे पता भी है कि उसके आसपास की दुनिया में क्या हो रहा है। लेकिन उसे टीम से बाहर करने चाहने वाले शख्स के बारे में मैं जानना चाहती थी। उसने मुझे रोकने की कोशिश की, लेकिन मैंने आखिरकार उसे मना ही लिया। उसने जवाब दिया, ‘वह आदमी जिसकी तुम तारीफ कर रही हो, वही चाहता था कि मुझे टीम से बाहर कर दिया जाए।’ मैं उसे देखती रही।

पुजारा का शानदार करियर
पुजारा का जन्म 25 जनवरी 1988 को गुजरात के राजकोट में हुआ था। उनके पिता अरविंद पुजारा और चाचा, बिपिन पुजारा, दोनों सौराष्ट्र के लिए रणजी ट्रॉफी खिलाड़ी थे। उन्होंने क्रिकेट में चेतेश्वर के भविष्य की नींव रखी। पुजारा ने दिसंबर 2005 में सौराष्ट्र के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू किया और तब से वह टीम के लिए आधारशिला बने हुए हैं। पुजारा का घरेलू करियर प्रभावशाली उपलब्धियों से भरा हुआ है। वह कई मौकों पर सौराष्ट्र के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे हैं। इसमें रणजी ट्रॉफी का 2017-18 संस्करण भी शामिल है। वहां उन्होंने सिर्फ चार मैचों में 437 रन बनाए थे। पारी को एंकर करने और बड़े शतक बनाने की उनकी क्षमता घरेलू क्रिकेट में सौराष्ट्र की सफलता में महत्वपूर्ण रही है। 2019-20 रणजी ट्रॉफी में पुजारा ने फर्स्ट क्लास में 50 शतक पूरे किए थे।

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