वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लगातार शरारतपूर्ण हरकतों से बाज नहीं आ रहे चीन को गृहमंत्री अमित शाह अपने अरुणाचल प्रदेश दौरे के दौरान सीमावर्ती गांवों के विकास की नई डगर की शुरूआत कर बीजिंग को स्पष्ट संदेश देंगे। अरुणाचल प्रदेश में चीन से सटी सीमा के गांव किबितू में सोमवार को गृहमंत्री वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को लॉन्च कर अरुणाचल के भारत का अभिन्न हिस्सा होने का दो टूक संदेश देंगे।अरुणाचल के 11 स्थानों का नाम अपने हिसाब से बदलने की चीन की हरकत के पांच दिन बाद ही अमित शाह के यहां हो रहे दौरे के अपने रणनीतिक मायने हैं। अमित शाह किबितू गांव में सीमा क्षेत्र के गांवों के लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने की विकास योजनाओं को लांच करने के साथ ही शाह इन इलाकों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नौ माइक्रो पन बिजली परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे।इन योजनाओं के क्रियान्वयन से न सिर्फ सीमावर्ती इलाकों में निगरानी तंत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे का खोखलापन और भी अधिक उजागर होगा। अरुणाचल से लेकर लद्दाख तक एलएसी पर उकसावे की हरकतें करता रहे चीन ने अभी इसी हफ्ते अरुणाचल के 11 स्थानों का नाम बदलकर अपना दावा जताने की हरकत की थी, लेकिन भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए न केवल चीन की इस हरकत को खारिज कर दिया था, बल्कि यह दो टूक दोहराया दिया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है।
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