विमलेश मिश्र
प्रयागराज ! माघ मेला शिविर में परि पुन पुनस्थॉपन वन अनुसंधान केंद्र जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु किसानों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम कराया । जिसमें वक्ता के रूप में चेतना समग्र सामाजिक उत्थान करछना, से आए हुए सुधाकर द्वारा केंचुआ से खाद बनाने एवं उससे होने वाले फायदे के बारे में बताया।
संस्थान की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ कुमुद दुबे ने सूक्ष्मजीवों से निर्मित जैविक खाद के बारे में बताया ।सूक्ष्म जीवाणुओं जैसे राइजोबियम, अजोटोबैक्टर, वैम एवं शैवाल आदि की उपस्थिति को जैविक उर्वरक कहा जाता है। ये मृदा में पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस आदि को बढ़ाकर प्रति हेक्टेयर 10-20% तक उपज को बढ़ा देते है एवं रासायनिक खाद के दुष्प्रभाव को भी कम करने में मदद करते है।
मेले प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान संस्थान के प्रमुख डॉ संजय सिंह द्वारा जैविक खेती से होने वाली पर्यावरणीय महत्ता के बारे में बताया।
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आलोक यादव डॉ अनुभा श्रीवास्तव, तकनीकी अधिकारी डॉ सत्येंद्र देव शुक्ला, रतन गुप्ता एवं संस्थान के शोध छात्र, छात्राएं अमन मिश्र, शिवम केसरवानी, उज्जवल मिश्र, फराज अहमद खान, राजकुमार यादव, विकाश सेठ, चार्ली मिश्रा, रेखा राना, कुलदीप चौहान, प्रदीप विश्वकर्मा,अमित कुमार आदि मौजूद रहे।