सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपने कर्तव्य निभाते हुए प्राणों की आहुति देने वाले कई सैन्य कर्मियों के परिजनों को शुक्रवार को ‘बैज ऑफ सैक्रिफाइज’ और ‘सर्टिफिकेट ऑफ ऑनर’ प्रदान किए।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये पुरस्कार वीरता और सर्वोच्च बलिदान के लिए एक गहरी प्रतीकात्मक श्रद्धांजलि हैं। उन्होंने कहा कि ये उन अधिकारियों, जूनियर कमीशन अधिकारियों और अन्य कर्मियों को सम्मानित करने के लिए प्रदान किए गए, जिन्होंने देश की सेवा करते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी।
जुलाई 1999 में शुरू किए गए ‘बैज ऑफ सैक्रिफाइज’ और‘सर्टिफिकेट ऑफ ऑनर’ 1947 से लेकर अब तक के संघर्षों में सेवाएं देने वाले सुरक्षा कर्मियों के परिवारों को दिए जाते हैं।
अधिकारी ने कहा कि पहली बार 16 दिसंबर, 1999 को विजय दिवस पर ये सम्मान प्रदान किए गए थे। मानेकशॉ सेंटर में यह प्रस्तुति समारोह, यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित औपचारिक रक्षा अलंकरण समारोह के एक दिन बाद हुआ।
जनरल द्विवेदी ने कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक, कैप्टन दीपक सिंह, हवलदार रोहित कुमार, नायक दिलवर खान, राइफलमैन रवि कुमार, सिपाही प्रदीप सिंह, पुलिस उपाधीक्षक हिमायूं मुजम्मिल भट (जम्मू-कश्मीर पुलिस) और विजयन कुट्टी जी (सीमा सड़क संगठन) के परिजनों को ‘बैज ऑफ सैक्रिफाइज’ और ‘सर्टिफिकेट ऑफ ऑनर’ प्रदान किया।
अधिकारी ने बताया कि ‘बैज ऑफ सैक्रिफाइज’ 24 कैरेट सोने से मढ़ा हुआ एक प्रतीक चिह्न होता है। ‘सर्टिफिकेट ऑफ ऑनर’ भी उतना ही विशिष्ट होता है। इसे 24 कैरेट सोने की फॉइल पर तैयार किया जाता है तथा सोने की परत चढ़ी फ्रेम में लगाकर दिया जाता है।