अपना हुलिया बदलकर बलूचिस्तान पहुंचे शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर, चौंक गया भारत!

बलूचिस्तान से आई एक तस्वीर ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। ये तस्वीर हिंदुस्तान के लोग भी देखकर चौंक जाएंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तानी आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर हुलिया बदलकर बलूचिस्तान में घूम रहे हैं। ये दोनों बलूचिस्तान में एक बहुत ही खतरनाक मिशन पर आए। इस मिशन को पूरा करने के लिए शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर ने अपने सिर पर बलूची पगड़ी पहन ली। जिससे की ये अपनी चालाकी, फरेबी और मक्कारी को बलूचों की शान माने जाने वाली पगड़ी के पीछे छुपा लें। इन दोनों ने बलूचिस्तान में जो खेल किया है, उसे भारत को गंभीरता से लेना चाहिए। दरअसल, शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर क्ववेटा पहुंचकर बलूचिस्तान की जनता के सामने रोने लगे। इन लोगों ने कहा कि बलूचिस्तान के लोग ही हमारे असली भाई हैं और इनका सम्मान हमारे सिर माथे पर है।

शहबाज शरीफ ने बलूचिस्तान के लोगों से कहा कि मैं और आर्मी चीफ आसिम मुनीर अपने कंधे से एक बोझ हटाना चाहते हैं। इसलिए हम आपके पास आए हैं। बोझ ये है कि अब पाकिस्तान के दोस्त मुल्क नहीं चाहते कि हम उनके पास भीख मांगने के लिए जाएं। शहबाज ने कहा कि चीन, सऊदी अरब, कतर, तुर्की, यूएई सब पाकिस्तान के भरोसेमंद दोस्त हैं। ये सभी हमसे उम्मीद करते हैं कि हम उनके साथ ट्रेड, कॉमर्स, इनोवेशन, डेवलपमेंट, शिक्षा, स्वास्थ्य और इनवेंस्टमेंट में शामिल हो। लेकिन जब तक बलूचिस्तान हमारी मदद नहीं करेगा हम तब तक कटोरा लेकर भीख मांगते रहेंगे। दरअसल, शहबाद शरीफ इमोशनल बातें करके बलूचिस्तान की जनता को पागल बना रहे हैं।

शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर की नजर बलूचिस्तान की जमीन के नीचे दबे 6 ट्रिलियन डॉलर के खनीज पदार्थों पर है। शरीफ ने आगे कहा कि इस्लामाबाद को देश को पटरी पर लाने के लिए प्राकृतिक और मानव संसाधनों का उपयोग करना चाहिए। मैं फील्ड मार्शल असीम मुनीर के साथ आखिरी व्यक्ति हूं, जो इस (आर्थिक) बोझ को अपने कंधों पर ले जा सकता हूं। सर्वशक्तिमान ने हमें प्राकृतिक और मानव संसाधनों से नवाजा है। हमें उनका पूरा उपयोग करना चाहिए और उन्हें इन बहुत ही लाभदायक उपक्रमों के लिए लगाना चाहिए।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की यह टिप्पणी पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की सैन्य कार्रवाई – ऑपरेशन सिंदूर के बाद आई है। नई दिल्ली की सैन्य कार्रवाई के बाद भारत के साथ तनाव के दौरान, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की नई सहायता प्रदान की। संघर्ष के दौरान तुर्की और अजरबैजान ने इस्लामाबाद का साथ दिया, यहां तक ​​कि तुर्की ने पाकिस्तान को सैन्य उपकरण भी मुहैया कराए।

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