केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रहे विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए मंगलवार को उन्हें चुनौती दी कि जिसको विरोध करना है, करे लेकिन सीएए वापस नहीं होने वाला है। शाह ने सीएए के समर्थन में राजधानी के बंग्लाबाजार स्थित कथा पार्क में आयोजित विशाल जनसभा में कहा, इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया है। मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लो। यदि ये अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकता है, तो उसे साबित करके दिखाओ। उन्होंने कहा, देश में सीएए के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं। सीएए में कहीं पर भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है … मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, सीएए वापस नहीं होने वाला है। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनकी आंखों पर वोट बैंक की पट्टी बंधी है। उन्होंने कहा, सीएए के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है कि इससे देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। मैं कहने आया हूं कि जिसमें भी हिम्मत है वह इस पर चर्चा करने के लिये सार्वजनिक मंच ढूंढ ले। हम चर्चा करने के लिये तैयार हैं। शाह ने कहा कि सीएए की कोई भी धारा मुसलमान तो छोड़ दें, किसी भी बाशिंदे की नागरिकता लेती हो तो बता दें। गृह मंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ इशारा करते हुए कहा राहुल बाबा कान खोलकर सुन लो… आपकी पार्टी के पाप के कारण 16 जुलाई 1947 को धर्म के आधार पर विभाजन को स्वीकार किया गया। उन्होंने दावा किया, बंटवारे के वक्त पूर्वी पाकिस्तान में 30 प्रतिशत और पश्चिमी पाकिस्तान में 23 प्रतिशत हिन्दू, सिख बौद्ध और जैन थे मगर अब वहां अब वे सिर्फ सात और तीन प्रतिशत ही रह गये हैं। बाकी कहां गये? वे या तो मार दिये गये या उनका धर्म परिवर्तन किया… या फिर भारत आकर शरण ली। इन आंखों के अंधों को दिखायी नहीं दिया कि करोड़ों लोगों पर अत्याचार हुआ। शाह ने अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को अपनी सरकार की उपलब्धि की तरह पेश करते हुए दावा किया कि अयोध्या में तीन महीने के अंदर आसमान छूता हुआ मंदिर बनेगा। उन्होंने कहा कि आक्रमणकारियों ने 500 साल पहले भगवान राम का मंदिर तोड़ दिया। उसके बाद लाखों लोग आंदोलित हुए, कई ने शहादत दी। मगर कांग्रेस ने अपनी सरकार रहते श्रीराम का मंदिर नहीं बनने दिया। इसके पूर्व, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले शरणार्थियों को नागरिकता देने का काम वर्ष 1947 के बाद से शुरू हो जाना चाहिये था मगर वह कांग्रेस नहीं कर पायी। अन्य विपक्षी दलों ने भी इस मामले में वोट बैंक के लिये देश की कीमत पर राजनीति की। उन्होंने सीएए के खिलाफ लखनऊ तथा प्रदेश के कई अन्य स्थानों पर जारी प्रदर्शन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पैसा देकर धरना दिलवाया जा रहा है। लोगों को गुमराह किया जा रहा है, मगर झूठ के पांव नहीं होते। रैली को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी संबोधित किया।
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