अयोध्‍या में एक नवंबर से शुरू होगा दीपोत्‍सव, पांच सौ ड्रोन कैमरों से दिखाए जाएंगे रामायणकालीन दृश्य

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम ने नयाघाट स्थित यात्री निवास में पांचवें दीपोत्सव की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने एक से छह नवंबर तक प्रस्तावित दीपोत्सव में होने वाले कार्यक्रमो का बि‍ंदुवार ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि दीपोत्सव का मुख्य कार्यक्रम तीन नवंबर को है। इस मौके पर प्रस्तावित श्रीराम, माता सीता, अनुज लक्ष्मण के स्वरूप का हेलीकाप्टर रूपी पुष्पक विमान से आगमन तथा उनके स्वागत की तैयारी, रामकथा पार्क में राज्याभिषेक का मंचन, सायंकालीन बेला में नौ लाख दीप जलाए जाने, सरयू आरती, लेजर शो के माध्यम से रामायणकालीन दृश्‍यों का पांच सौ ड्रोन कैमरों से प्रदर्शन, 30 लाइट गेट व पूरे अयोध्या को सजाने, हेलीकाप्टर द्वारा आकाश से पुष्प वर्षा, विदेशी रामलीला व स्थानीय रामलीला दलों की प्रस्तुति होनी है।जिलाधिकारी ने बताया कि दीपों को जलाने के लिए टी-शर्ट व कैप में 12 हजार वालेंटियर्स सक्रिय रहेंगे। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति ने आमंत्रण पत्र के साथ मेन्यू का एक फोल्डर लगाने के निर्देश दिए, जिसमें तिथिवार कार्यक्रमों का पूर्ण विवरण व उसका समय व स्थान अंकित होगा। बैठक के बाद प्रमुख सचिव ने जिलाधिकारी व कार्यदायी संस्थाओ के प्रमुखों के साथ रामकथा पार्क के आस-पास व राम की पैड़ी का स्थलीय निरीक्षण भी किया।आधुनिकता के इस दौर में भी दीपावली के अवसर पर मिट्टी के दीये जलाना भारतीय सभ्यता व संस्कृति का प्रतीक है। यही कारण है कि दीपावली आने के कुछ दिन पूर्व से ही कुम्हार दीया बनाना शुरू कर देते हैं। सनातन संस्कृति व परंपरा के अनुसार धार्मिक कार्यों में मिट्टी के बर्तनों और दीये की मांग को देखते हुए कुम्हार समाज के लोग इस पुस्तैनी व्यवसाय से आज भी जुड़े हुए हैं।

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