रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मंगोलिया यात्रा शुरू हो गई है। नेता से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने पर बातचीत और एक भव्य स्वागत समारोह में भाग लेने के उद्देश्य से वो मंगोलिया के दौरे पर पहुंचे। असामान्य बात यह है कि अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के सदस्य के रूप में मंगोलिया को रूसी राष्ट्रपति को मंगोलियाई धरती पर उतरते ही गिरफ्तार कर लेना चाहिए था। पुतिन मार्च 2023 में आईसीसी द्वारा जारी अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट का विषय हैं। अदालत ने आरोप लगाया कि वह युद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार हैं, विशेष रूप से यूक्रेन से रूस में बच्चों के गैरकानूनी निर्वासन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। लेकिन इससे उलट अंतरराष्ट्रीय वारंट के बावजूद उनका भव्य स्वागत किया गया। क्रेमलिन ने आईसीसी के कार्यों को अपमानजनक और अस्वीकार्य बताया और कहा कि उनका रूस पर कोई अस्वीकार्य प्रभाव नहीं है, जो आईसीसी का सदस्य नहीं है।पुतिन की यात्रा ने मंगोलिया को असहज स्थिति में ला खड़ा किया है। गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने की सूरत में आईसीसी के सदस्य देश उक्त व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए बाध्य होते हैं। हालांकि, मंगोलिया चारों तरफ से जमीन से घिरा एक देश है, जो ईंधन और ऊर्जा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भर है। सोवियत संघ के साथ घनिष्ठ संबंधों के साथ दशकों तक साम्यवाद के अधीन रहने के बाद, 1990 के दशक में मंगोलिया में लोकतंत्र की स्थापना हुई तथा इसने अमेरिका, जापान और अन्य नए साझेदारों के साथ संबंध बनाए। मंगोलिया आर्थिक रूप से अपने दो बड़े और अधिक शक्तिशाली पड़ोसियों, रूस और चीन पर निर्भर है। रूस मंगोलिया को ईंधन और अधिक मात्रा में बिजली मुहैया कराता है। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) के पास अपने वारंट को लागू करने के लिए कोई तंत्र नहीं है। आईसीसी ने पुतिन पर यूक्रेन से बच्चों के अपहरण के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया है, जहां दो साल से अधिक समय से युद्ध जारी है। आईसीसी की स्थापना संधि रोम संविधि के अनुसार सदस्य देशों के लिए यह आवश्यक है कि यदि गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया हो तो वे संदिग्धों को हिरासत में लें, लेकिन मंगोलिया को रूस के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की आवश्यकता है और न्यायालय के पास अपने वारंट को लागू कराने के लिए कोई तंत्र नहीं है।
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