आचार्य चाणक्य ने वृक्ष का उदाहरण देते हुए दिया है जीवन का महत्वपूर्ण ज्ञान

आचार्य चाणक्य की गणना विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में की जाती है। उनके द्वारा रचित चाणक्य नीति में जीवन की कई महत्वपूर्ण बातों को बताया गया है। वर्तमान समय में अनेकों युवा आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन करके उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं और सफलता हासिल कर रहे हैं। आचार्य चाणक्य को न केवल राजनीति, कूटनीति व अर्थ नीति के विषय में विस्तृत ज्ञान था, बल्कि जीवन के अन्य महत्वपूर्ण नीतियों का भी उन्होंने विस्तार से निर्माण किया था। चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने कई जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों का उदाहरण देते हुए, जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण गुणों के विषय में बताया है। चाणक्य नीति के इस भाग में आइए जानते हैं कि कैसे एक पुत्र, वृक्ष से सीख सकता है जीवन का महत्वपूर्ण गुण।

स तरह से वृक्ष से सीखें जीवन के महत्वपूर्ण गुण

एकेनापि सुवर्ण पुष्पितेन सुगन्धिता ।

वसितं तद्वनं सर्वं सुपुत्रेण कुलं यथा ।।

अर्थात- जिस तरह एक जंगल में सुंदर खिले हुए फूलों का वृक्ष संपूर्ण वातावरण को सुगंधित बना देता है, ठीक उसी तरह एक अच्छा और गुणी पुत्र सम्पूर्ण कुल का नाम ऊंचा करता है।चाणक्य नीति के श्लोक आचार्य चाणक्य ने बताया है एक पुत्र को जंगल में उस फूल से महत्वपूर्ण शिक्षा लेनी चाहिए, जिसके कारण वन का वातावरण सुगंधित हो जाता है। जिस तरह वह एक फूल संपूर्ण जंगल को अपनी सुगंधित खुशबू शुद्ध बना देता है। ठीक उसी प्रकार एक अच्छे और गुणी पुत्र से पूरे कुल का नाम ऊंचा हो जाता है। इसलिए एक पुत्र को सदैव सदमार्ग पर चलना चाहिए और सफलता के लिए परस्पर प्रयास करना चाहिए। जो पुत्र कुसंगति के लालच में गलत मार्ग अपना लेता है, उससे ना केवल उसका भविष्य खराब होता है। बल्कि पूरे कुल का नाम भी नीचे हो जाता है।

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