आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच दो सप्ताह से अधिक समय से नागोर्नो काराबाख इलाके को लेकर लड़ाई जारी थी। इसी बीच एक खबर ये भी आई कि पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स अजरबैजान की सेना के साथ मिलकर आर्मेनिया के खिलाफ लड़ाई में हिस्सा ले रही है। अब पाकिस्तान की ओर से अपने ऊपर लगाए गए इस आरोप को खारिज किया गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में स्पष्टीकरण दिया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिन्यान की टिप्पणी को पूरी तरह से आधारहीन और अनुचित बताया है।दरअसल इस विवाद को हवा आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल के एक बयान के बाद मिली थी। उन्होंने 15 अक्टूबर को रूसी समाचार एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि तुर्की की सेना के साथ मिलकर पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स आर्मीनिया के खिलाफ नागोर्नो-काराबाख में जारी लड़ाई में शामिल है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके पास इस बात का कोई प्रमाण है कि अजरबैजान की सेना को विदेशी सैन्यबलों का भी साथ मिल रहा है? तब उन्होंने जवाब दिया कि कुछ रिपोर्ट्स यह बताती हैं कि जंग में पाकिस्तानी फौज का विशेष दस्ता भी शामिल है। फिर उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि तुर्की के सैनिक इस लड़ाई में शामिल हैं।उधर जब इस बात का पता पाकिस्तान के उच्च अधिकारियों को लगा तो उन्होंने इस बात का खंडन करते हुए बयान दिया है कि आर्मीनिया इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना प्रोपेगैंडा के माध्यम से अजरबैजान के खिलाफ अपनी गैर-कानूनी कार्रवाई को छिपाने की कोशिश कर रहा है, उसकी इस तरह की बयानबाजी को तुरंत रोका जाना चाहिए।
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