ब्रिटिश हाईकमीशन के हेड ऑफ पॉलिटिकल एंड बाइलेटरल अफेयर्स रिचर्ड बार्लो और वरिष्ठ राजनीतिक सलाहकार भावना विज सोमवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) पहुंचे। वे सीधे छात्र-छात्राओं से मिले और भारतीय छात्रों के लिए ब्रिटिश सरकार की से उपलब्ध कराई जा रहीं सुविधाओं का लाभ लेने के लिए उन्हें प्रेरित किया। आम छात्रों के बीच पहुंचे दोनों अफसरों ने उन्हें ब्रिटिश सरकार की फुल फेज स्कॉलरशिप से अवगत कराया। छात्र-छात्राओं को बताया कि यह स्कॉलरशिप पूरी तरह से प्रायोजित है। स्नातक के छात्र इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। चयनित छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप के माध्यम से ब्रिटेन में परास्नातक की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा।
उन्होंने ब्रिटिश हाईकमीशन की ओर से छात्राओं के लिए आयोजित की जा रही प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए इविवि की छात्राओं को प्रेरित किया। छात्राएं किसे अपना आदर्श मानती हैं, इस आधार पर होने वाली प्रतियोगिता के लिए दो सितंबर तक आवेदन लिए जाएंगे। विजेता छात्रा को एक दिन के ब्रिटिश हाईकमीशन का राजदूत बनाया जाएगा। प्रतियोगिता में 18 से 23 वर्ष आयु वर्ग की छात्राएं शामिल हो सकती हैं।
दोनों ही अफसरों ने छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह के साथ विज्ञान और कला संकाय में आम छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं को मिल रहीं सुविधाओं और उनकी समस्याओं के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि ब्रिटिश सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रहीं सुविधाएं छोटे शहरों और गांव-कस्बों के विद्यार्थियों को भी मिले, इसी उद्देश्य से विश्वविद्यालय आए हैं।पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने बताया कि दोनों अफसरों ने छात्रसंघ के स्वर्णिम इतिहास के बारे में जानकारी ली और हैरत जताते हुए पूछा कि राजनीति की इस नर्सरी को आखिर बंद क्यों कर दिया गया। इस दौरान फीस वृद्धि के विरोध में जारी आंदोलन के बारे में भी पूछा और आम छात्र-छात्राओं से जानना चाहा कि वे क्या चाहते हैं। उन्होंने कक्षाएं और प्रयोगशालाएं भी देखीं। कुछ छात्रों से नई शिक्षा नीति पर भी चर्चा की और जाना चाहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षा का स्तर क्या है।
हाईकमीशन के अफसरों ने ऋचा से किया था संपर्क
ब्रिटिश हाईकमीशन के अफसरों ने प्रयागराज पहुंचने से पहले पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह से संपर्क किया। दरअसल, ब्रिटिश हाईकमीशन के माध्यम से हर साल छात्र नेताओं का 12 सदस्यीय दल लंदन भेजा जाता है, जहां उन्हें संसद के कार्यों एवं अन्य राजनीतिक गतिविधियों के बारे में बताया जाता है। ऋचा सिंह वर्ष 2015-16 में छात्रसंघ अध्यक्ष रहते हुए यूपी के प्रतिनिधि के तौर पर दल में शामिल की गईं थीं। ऋचा ने बताया कि हाईकमीशन के अफसरों ने यहां आने से पहले उनसे संपर्क किया था, ताकि छात्र-छात्राओं तक वे आसानी से पहुंच सकें।