प्रयागराज: वैश्विक महामारी कोविड-19 से पूरे प्रदेश में लाकडाउन चल रहा है,तो शिक्षकों का दायित्व है कि विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़े रखा जाए। ऐसे में शहर से लेकर गांव तक वर्चुअल क्लास,व्हाट्सएप ग्रुप और यूट्यूब के जरिए छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। शिक्षक गांव की शिक्षा में इसे क्रांति मान रहे हैं। अभी यह महामारी कब तक आम जनजीवन को बेपटरी करेगी,यह कोई भी विशेषज्ञ सही आकलन नही कर पा रहा है। अलबत्ता कोरोना महामारी देश प्रदेश में निरंतर बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित कर रही है। इस समस्या से समाधान के लिए सरकार द्वारा शिक्षकों से ऑनलाइन क्लासेज संचालित करने का आदेश स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद द्वारा दिया गया है। यह बात भी सही है कि गरीबी और अशिक्षा के कारण ग्रामीण अंचलों में अधिकांश घर-परिवारों में स्मार्टफोन भी नहीं है और जिस गरीब परिवार के पास है भी तो वो इस महामारी में आर्थिक तंगी के कारण नेट पैक डलाने में असमर्थ है। परंतु परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा पहल करते हुए गांव-गांव के परिवारों से संपर्क किया जा रहा है और स्मार्टफोन के नंबर द्वारा घर बैठे ही छात्र-छात्राओं को शिक्षित करने का बीड़ा भी परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों ने उठाया है। खंड शिक्षा अधिकारी उरुवा बलिराम ने बताया कि उरुवा ब्लॉक के लगभग 60 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन क्लास शुरू कर दिए गए है और बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं का सही ढंग से पालन करना उनका पहला और अंतिम उद्देश्य है। शिक्षा चाहे विद्यालय में उपलब्ध कराई जाए अथवा ऑनलाइन। मकसद बच्चों तक शिक्षा को बेहतर और प्रभावशाली तरीके से पहुंचाना है। विगत दिवस जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज संजय कुशवाहा के आदेश के क्रम में डी.सी.प्रशिक्षण डॉ.विनोद मिश्रा द्वारा मिशन प्रेरणा के माध्यम से विभिन्न ब्लाकों के शिक्षकों को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जोड़ा गया है। एसआरपी उरुवा सुनील शुक्ला ने बताया कि ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय केवटाही,कोटहा,कठौली,तदरिया,समो