लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का कहना है, 17वीं लोकसभा के बाकी दो साल में बहस और चर्चा का स्तर सुधारकर नए मापदंड कायम करना उनका लक्ष्य है। सदन में गतिरोध और अन्य कई कारणों से चर्चा के स्तर में गिरावट के आरोप लग रहे हैं। इसे जल्द से जल्द दूर करने के लिए कई स्तरों पर काम चल रहा है।
अमर उजाला से खास बातचीत में स्पीकर ने कहा, लोकसभा में अब तक की कार्यवाही को पूरी तरह डिजिटल किया जा रहा है। अन्य भाषाओं में हुई बहस व चर्चा के रिकॉर्ड को भी हिंदी और अंग्रेजी में डिजिटाइज कर मेटाडाटा में बदला जा रहा है। इससे सांसद किसी भी चर्चा से पहले उस विषय के ऐतिहासिक पहलुओं समेत संबंधित रिसर्च दस्तावेज आसानी से हासिल कर सकते हैं। अब तक के राष्ट्रपति के अभिभाषणों और उन पर प्रधानमंत्री के जवाबों को भी डिजिटल रूप दिया जा रहा है। शून्यकाल में उठाए गए मुद्दों पर खास तवज्जो दी जा रही है।
बिरला ने माना, पिछले कुछ सत्र में जनता से जुड़े जरूरी बिलों को बामुश्किल पास कराना पड़ा। आगे से बिलों पर समुचित विमर्श के लिए स्थायी समिति के पास भी भेजने का प्रयास होगा। इसके लिए विपक्ष के सहयोग की जरूरत होगी। लोकसभा सरकार के कामकाज में सीधे दखल नहीं दे सकती।
मानसून सत्र के दौरान भी रहेगा कोरोना प्रोटोकॉल
स्पीकर ने बताया, 18 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में भी कोविड प्रोटोकॉल लागू रहेगा। नए संसद भवन का काम तेजी से चल रहा है। संभावना है कि 2022 का शीतकालीन सत्र नए संसद भवन में ही होगा।
स्पीकर ने कहा, उन्होंने तीन साल में 11 विधानसभाओं का दौरा कर वहां का कामकाज समझा है। यह एक स्वस्थ परंपरा है। अब पीठासीन अधिकारियों की बैठक नियमित हो रही हैं। सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार शुरू किया गया है। हर साल सर्वश्रेष्ठ विधानसभा घोषित करने के लिए कमेटी गठित की गई है।