कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी का आरोप, अमेरिकी दबाव के कारण हुआ संघर्ष विराम, शर्तें बताए मोदी सरकार

कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने शनिवार को ऑपरेशन सिंदूर में संघर्ष विराम को लेकर सरकार पर सवाल उठाए है। उन्होंने विदेशी दबाव का आरोप लगाया और इसकी शर्तों पर स्पष्टता की मांग की। मेवाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमेरिकी प्रभाव में पीछे हटने का आरोप लगाया और पूछा कि बाकी आतंकवादी क्यों नहीं पकड़े गए। मेवाणी ने एएनआई से कहा कि सरकार को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किए और एक आतंकवादी को पकड़ने का दावा किए एक महीना हो गया है। प्रधानमंत्री 56 इंच के सीने का दावा करते हैं, कहते हैं कि भारत विश्व गुरु है और हमारी रगों में सिंदूर बहता है। तो फिर बाकी चार आतंकवादी अभी तक क्यों नहीं पकड़े गए? मोदी देश को यह क्यों नहीं बताते कि संघर्ष विराम पर किन शर्तों के तहत सहमति बनी थी?मेवाणी ने आगे आरोप लगाया कि एक समय ऐसा भी था जब भारत का पलड़ा भारी था। लेकिन फिर अमेरिका ने हस्तक्षेप किया, पाकिस्तान पर दबाव डाला और हमारी सरकार ने आत्मसमर्पण कर दिया। युद्ध विराम क्यों हुआ? शर्तें क्या थीं? मोदी को लोगों को यह बताना चाहिए। प्रधानमंत्री को सीधे चुनौती देते हुए मेवाणी ने कहा, “मैं मोदी को चुनौती देता हूं कि घर-घर जाकर सिंदूर बांटने के बजाय 15 अगस्त से पहले बाकी बचे चार आतंकवादियों को पकड़ लें।”

विदेशी प्रभाव की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, “अमेरिका लगातार स्थिति के बारे में ट्वीट कर रहा है। उनका दावा है कि अगर उन्होंने इसके लिए कहा होता तो व्यापार बंद हो जाता। ये आधिकारिक बयान हैं। तो भारत चुप क्यों है? भारत और पाकिस्तान के बीच एक मामले में अमेरिका ही शर्तें क्यों तय कर रहा है?” इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा मध्यस्थता के अपने आरोपों को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला किया, आरोप लगाया कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी नेता के “एक आह्वान” के बाद डोनाल्ड ट्रम्प का “अनुसरण” किया और तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 के युद्ध में अमेरिका के सामने घुटने नहीं टेके।

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