प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय में गंभीर रोगियों के उपचार में निरंतर सफलता मिल रही है। 30 वर्षीय शिवा पर पुराने विवाद में उसी के रिश्तेदार ने गर्दन और छाती पर कैंची से हमला कर दिया। गर्दन पर हमले के कारण सांस की नली और गर्दन की नसें कट गई थीं। मरीज को घर वालों ने तत्काल स्वरूप रानी चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर में पहुंचाया जहां पर वरिष्ठ सर्जन एवं मीडिया प्रभारी डॉ संतोष सिंह के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने तत्परता दिखाते हुए ट्रेकियोस्टोमी (गर्दन से सांस का नया मार्ग बनाना) की और मरीज़ को वेंटिलेटर पर रखकर कृत्रिम रूप से सांस देकर उपचार शुरू किया।पांच दिन वेंटिलेटर के द्वारा कृत्रिम सांस पर रहने के बाद मरीज़ वेंटिलेटर से बाहर आ गया है और खुद से सांस लेने लगा है। वर्तमान में मरीज की स्थिति स्थिर है और उसको टी पीस के माध्यम से ऑक्सीजन दिया जा रहा हैं।डॉ संतोष सिंह ने कहा कि मरीज की स्थिति अत्यंत नाजुक थी लेकिन सही समय पर परिजनों के द्वारा स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय ले आने की वजह से हमें उसको बचाने का पर्याप्त समय मिल पाया। डॉ संतोष सिंह के साथ ऑपरेशन करने वाली टीम में सहायक आचार्य डॉ आत्रेय शाहा,डॉ जिया उर रहमान डॉ दीपक सिंह आदि शामिल रहे। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा ने कहा कि “हमारे चिकित्सक कठिन परिस्थितियों में भी अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए मरीजों की जान बचाने में सफल हो रहे हैं। यह हमारी टीम की कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता का परिणाम है।
सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वैभव श्रीवास्तव ने बताया हमारी टीम अत्याधुनिक तकनीकों और उपकरणों का उपयोग करते हुए गंभीर मरीजों के उपचार में निरंतर लगी हुई है। मरीजों की जान बचाना और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है। स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय में इस तरह के सफल उपचारों से मरीजों और उनके परिजनों में विश्वास बढ़ा है। चिकित्सालय प्रशासन ने कहा कि भविष्य में भी मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।