उरी, पठानकोट, पुलवामा, पहलगाम भारत ने बहुत सब्र दिखा लिया। देश का बहुत खून भी बह गया। लेकिन अब देश गुस्से में है। गुस्सा होना लाजिमी भी है। भारत ने शांति दूत बनकर और शांति का पाठ पढ़ाकर आजतक दुनिया को खुशियां तो बहुत दी। लेकिन किस कीमत पर? अपना ही खून बहाकर। भारत के पड़ोसी को भी शायद ये लगा कि भारत पर वो कितने भी हमले कर सकता है। लेकिन एक हद के पार भारत कभी नहीं जाएगा। भारत कभी उस हद तक नहीं जाएगा कि पाकिस्तान दोबारा ऐसी हरकत करने की सपने में भी सोचे न। लेकिन आपने महसूस किया होगा कि पहलगाम में जो हमला हुआ और जिस तरीके से हुआ। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। इस लिए देश में एक सुर में आवाज उठ रही है कि मोदी जी इस बार इलाज पक्का कर दीजिए। इलाज होने जा रहा है इसमें कोई शक नहीं है। पाकिस्तान में इस कदम भगदड़ मच गई कि पाकिस्तान के मुखिया शहबाज शरीफ वो अस्पताल में एडमिट हो गए हैं। भारत कहीं हमला न कर दे इससे पाकिस्तानी सेना में भी हड़कंप मचा हुआ है। रावलपिंडी के मिलिट्री अस्पताल में शहबाज शरीफ को भर्ती किया गया है। सामने आए अस्पताल के कागजात के अनुसार पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ को बवासीर हो गया है और इसके चलते वो अस्पताल में भर्ती हैं। अभी ये तो साफ तौर पर नहीं पता चल सका है कि उनकी हालत अब कैसी है, लेकिन डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज किया जा रहा है। 27 अप्रैल 2025 को उन्हें सीएमएच रावलपिंडी में भर्ती कराया गया है।
खबर तो ये भी आ रही है कि आसिम मुनीर अपने पूरे परिवार के साथ इस वक्त इंग्लैड चले गए हैं। सैनिकों के कई इस्तीफे की खबर समाने आ रही है। वहीं वाइस एडमिरल भी लंदन रवाना हो गए हैं। जबकि आपको हमने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि रिटायर्ड फौजियों को कहा गया है कि आप आकर मोर्चा संभालें। हमारे लिए कोई लड़ने के लिए तैयार नहीं है। पाकिस्तानी पत्रकार जावेद चौधरी ने हाल ही में घोषणा की कि पाकिस्तान ने तुरंत 40 लाख सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों को तैनात कर दिया है, जो अपनी वर्दी पहनकर देश की रक्षा के लिए तैयार हैं। चौधरी के अनुसार, इन दिग्गजों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी वर्दी प्रेस करें और अपने हथियारों में तेल डालें, और कार्रवाई के लिए तैयार रहें। रातों-रात इतने बड़े पैमाने पर लामबंदी का समन्वय करने की विशुद्ध रसद गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के योग्य उपलब्धि होगी। फिर भी, यह दावा भौंहें चढ़ाता है, खासकर पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान की ओर से आधिकारिक पुष्टि की कमी को देखते हुए।