गंगा सप्तमी पर गंगा साफ स्वच्छ बनी रहे जागरुक करते दुकानजी

गंगा साफ स्वच्छ बनी रहे घाटो के आसपास साफ स्वच्छ बनाए रखे घूम घूम कर दुकानजी जागरुक करते हुए कह रहे गंगा मे माला फूल हवन या अन्य कोई सामाग्री न डाले जिससे गंगा अमृत जल प्रदान करती रहे साथ ही स्नान करने वाले भक्त गंगा मे कुल्ला मन्जन दातून न करे न दूसरे को करने दे स्नान करने के पहले आसपास साफ सफाई करने के बाद स्नान करे गंगा मे साबून सैम्पू का प्रयोग न करे घूम कर दुकानजी स्थानीय लोगो से अपिल कर रहे बने पक्के घाट को साफ स्वच्छ सुन्दर बनाए रखना हमारा आपका कर्तव्य बनता है आने वाले बाहर से भक्त पर्यटक को प्रयागराज की गरिमा के साथ गंगा के अमृत जल की गंगा की महिमा के विषय मे बताए ये तिर्थराज प्रयाग की महिमा है की हर कष्टो का निवारण करती यही गंगा का वह अमृत जल है जो 100 वर्षो तक खराब नही होता गंगे तव दर्शनार्थ मुक्ती गःगा के दर्शन मात्र से आपके कष्ट का निवारण हो जाते ये गंगा की महिमा है ये एक राष्ट्रीय नदी है ईसे संयोग कर रखना हमारी जिम्मेदारी है ईसे निरन्तर अविरल निर्मल बना रहने दे ईसमे किसी प्रकार की कोई सामाग्री न डाले लाई गयी पुजा सामाग्री को अगल बगल रखे पूजा डस्टवीन मे डाले जिसका निवारण हो गगा के दो बूद अमृत जल पान करने पर शरीर मे एक उर्जा का प्रवाह होने लगता है आने वाली पिढी को बताने के लिये ये गंगा को धरती पर लाने के लिये भगीरथ ने 10 हजार वर्ष तक तपस्या कर अपने पुरखो को तारने के लिए धरती पर लाये थे अब हम संकल्प ले गंगा साफ स्वच्छ बनाए रखेगे न प्रदूषण करेगे न दूसरे को करने देगे

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