पंचांग के अनुसार जिस तरह सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है। इसी तरह सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी ग्रह से भी संबंधित है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरुवार का दिन गुरु बृहस्पति से संबंधित है। बृहस्पति ग्रह को सुख, वैभव, वैवाहिक, संतान और विवाह का कारक माना जाता है। ऐसे में जिस राशि के जातकों की कुंडली में बृहस्पति उच्च स्थान में बैठे होते हैं। उन्हें जीवन में कई सारी खुशियां मिलती है। समाज में मान-सम्मान के साथ धन लाभ होता है। ठीक इसी तरह अगर किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति की स्थिति कमजोर है, तो व्यक्ति को कई प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप चाहे तो गुरुवार के दिन बृहस्पति ग्रह संबंधी कुछ उपाय करने के साथ इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं। आइए जानते हैं गुरु बृहस्पति संबंधी कुछ मंत्रों के बारे में।
बृहस्पति मंत्र
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।
ॐ बृं बृहस्पतये नमः।
गुरु का वैदिक मंत्र
ओम बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।
बृहस्पति शांति मंत्र
देवानाम च ऋषिणाम च गुरुं कांचन सन्निभम।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
ॐ बृं बृहस्पतये नमः।।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।
ॐ ह्रीं नमः।
ॐ ह्रां आं क्षंयों सः ।।
ध्यान मंत्र
रत्नाष्टापद वस्त्र राशिममलं दक्षात्किरनतं करादासीनं,
विपणौकरं निदधतं रत्नदिराशौ परम्।
पीतालेपन पुष्प वस्त्र मखिलालंकारं सम्भूषितम्,
विद्यासागर पारगं सुरगुरुं वन्दे सुवर्णप्रभम्।।
जल्द विवाह के लिए
अविवाहित लोग “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से जातक की शीघ्र विवाह हो जाता है।