गुलाब को ऐसे कई पुरस्कार मिले हैं। उन्हें दिल्ली बॉलीवुड सिने रिपोर्टर अवार्ड, नागपुर गौरव महाराष्ट्र अवार्ड, मुंबई जंगौरव कार्य दर्पण अवार्ड, वडोदरा सिने मीडिया अवार्ड, वाइब्रेंट गुजराती फिल्म अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। गुलाब की जीवनी। गुलाब गुजरात के आनंद में पैदा हुए एक एक्शन अभिनेता हैं। गुलाब के माता-पिता बहुत गरीब थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन एक खाट तंबू में बिताया। लेकिन गुलाब के पिता तम्मा भाई सलात अपने बेटे को शारीरिक श्रम करके एक अच्छे पद पर पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे। उनमें से एक थे गुलाब सलात जो 8 साल की उम्र से ही बॉलीवुड फिल्मों में रुचि रखते थे। उन्होंने अपने पिता से कहा था कि वे एक बार फिल्मों में काम करेंगे। उनके पिता ने इसके लिए कड़ी मेहनत करना शुरू कर दिया। उन्होंने दिन-रात मेहनत की और अपने बेटे को मार्शल आर्ट कराटे ऑल इंडिया वाडो काई कराटे दो अकादमी इंडिया इंटरनेशनल नामक अकादमी में दाखिला दिलाया। गुरु के बिना अब मुझे डांस एकेडमी ज्वाइन करनी पड़ेगी। डांस के लिए उन्होंने आनंद जिला छोड़ दिया और जिमनास्टिक और डांस की ट्रेनिंग लेने हैदराबाद चले गए। वहां उन्होंने कड़ी मेहनत की और हैदराबाद से एक साल की डिग्री हासिल की। उन्होंने अपने जिले के प्रति अपना कर्तव्य दिखाया और कुछ नाम कमाया। गुलाब के पिता का सिर गर्व से ऊंचा हो गया। अब मैं अपने बेटे को मुंबई ले जाऊंगा और किसी फिल्म में काम दिलाऊंगा। आनंद को छोड़कर पिता तम्मा भाई गुलाब को मुंबई ले गए। वहां उनकी मुलाकात एक डायरेक्टर से हुई। उसने गुलाब के पिता तम्मा भाई से ₹15000 ठग लिए। डायरेक्टर ने गुलाब के पिता तम्मा भाई को अपने जाल में फंसा लिया। फिर भी उन्हें काम नहीं मिला। वे मुंबई छोड़कर अपने शहर वापस आ गए। कुछ दिनों बाद गुलाब के पिता तम्मा भाई का निधन हो गया।
गुलाब बिल्कुल अकेले और कमजोर हो गए। अब मैं क्या करूंगा? पिता की मौत के बाद स्थिति ऐसी थी। आनंद पढ़ाई के लिए रामनगर के स्कूल मैत्री विद्यालय, रामनगर में जाता था घर में काफी परेशानियां बढ़ने लगी थी। उनके दो भाई और दो बहन थी। गुलाब की मां का बेटा सोनी बैन था उनकी तबीयत भी दिन पर दिन खराब होती गई और वो अपनी मां का काफी ख्याल रखते थे। मैं अपनी मां को नहीं खोना चाहता हूं। मैंने अपने पिता को खो दिया है लेकिन मैं अपनी मां को नहीं खोना चाहता हूं। और वहीं से मैंने डांस करना शुरू किया। गुलाब कुछ प्रदर्शन करके और कराटे की क्लास चलाकर और कुछ पैसे इकट्ठा करके अपना गुजारा करता था। कुछ दिनों के बाद वह हर जगह, हर राज्य में गया और फिल्म निर्माता और निर्देशक से अपने काम के लिए अनुरोध किया, लेकिन असफल रहा। वह अपने शहर वापस आ गया और फिर अपनी ट्रेनिंग शुरू की। उसने कहा मैं अपने पिता के शहर का नाम रोशन करूंगा। मैंने हिम्मत नहीं हारी मेरी किस्मत ऐसे चमकी। उन्होंने जय जय जग जननी दुर्गा मां जय बजरंगबली सीरियल में काम करना शुरू किया। उन्होंने सीरियल के साथ फिल्मों में काम करना शुरू किया वह अपने फिल्मी काम के लिए कराटे, मार्शल आर्ट, जिमनास्टिक, योगा, बॉडी स्टंट, ब्रेक डांस, लाठी, ननचाकू, तलवार, राइफल, शूटिंग और फिल्मी अभिनय करते थे, लेकिन उन्होंने कभी काम करना बंद नहीं किया। गुलाब एक एक्शन एक्टर हैं। मैं अपने पिता का नाम रोशन करने का सपना जल्द ही पूरा करूंगा। आज गुलाब एक एक्शन एक्टर हैं। मीडिया की वजह से उन्होंने पूरे भारत में अपना अच्छा नाम बनाया है। मीडिया वालों को मेरी तरफ से कोटि-कोटि नमन।