शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए किये जायेंगे सम्मानित
साहित्य से समाज की सेवा करता रहूंगा : प्रो आरपी वर्मा
प्रयागराज। उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ शिक्षाविद एवं राजकीय डिग्री कालेज गोसाईखेडा उन्नाव के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो (डा) आरपी वर्मा को शिक्षा के क्षेत्र मे उल्लेखनीय योगदान के लिए महाराष्ट्र का प्रतिष्ठित ग्लोबल टीचर अवार्ड प्रदान किया जायेगा । यह अवार्ड समता साहित्य एकेडमी नागपुर, महाराष्ट्र की ओर से 17 सितम्बर को होटल द्वारिका माई कांफ्रेंस हाल में ढाई बजे प्रो (डा) आरपी वर्मा को प्रदान किया जायेगा।
। उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ आरपी वर्मा ने संस्था को धन्यवाद देते हुए कहा कि साहित्य से समाज की सेवा करता रहूंगा। उप्र माध्यमिकशिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ आरपी वर्मा ने कहा कि साहित्य से समाज की सेवा करता रहूंगा जिससे कि समाज का अंतिम व्यक्ति शिक्षित हो सके।
अंबेडकर नगर निवासी शिक्षाविद डॉ वर्मा की शिक्षा इविवि, बीएचयू, संपूर्णानंद संस्कृत विवि वाराणसी तथा लखनऊ विवि से डीलिट् किया है। वह राजकीय डिग्री कालेज गोसाईखेडा, उन्नाव में हिन्दी के विभाग हैं। प्रो (डा) आरपी वर्मा ने उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज में अध्यक्ष के पद पर रहते हुए चयन बोर्ड का आधुनिकीकरण किया है। चयन बोर्ड की नई मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, हेल्पलाइन, हेल्प डेस्क, आनलाइन आवेदन, सीसीटीवी कैमरे सहित अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करवाया था।
उल्लेखनीय है कि चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ आरपी वर्मा प्रतिष्ठित कवि, लेखक कहानीकार , उपन्यासकार एवं समीक्षक है। शोध कार्य के क्षेत्र में डॉ आरपी वर्मा ब्रज एवं अवधि साहित्य में कार्य कर चुके हैं। प्रतिष्ठित राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में तथा शोध ग्रंथों में डॉ आरपी वर्मा ने 300 से अधिक शोध पत्रों का प्रकाशन हो चुका है। अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी में शिक्षाविद डॉ वर्मा ने 400 से अधिक शोध पत्रों का प्रकाशन और 20 पुस्तकों का संपादन किया है। वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ वर्मा ने 45 वर्ष की कम उम्र में लेखन के क्षेत्र में भी कीर्तिमान बनाया है। उन्होंने विविध विषयों पर 80 से अधिक पुस्तकें लिखी है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों साहित्य पर अलग – अलग विषयों और महापुरुषों पर 81 से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं जिनमें प्रमुख हिंदी काव्य नाटकों का अनुशीलन , कृष्ण भक्त मीरा और उनका काव्य ,धूमिल साहित्य और सृजन ,बीसवीं सदी के महान उपन्यासकार, महाकवि निराला ( सरोज ,स्मृति राम की शक्ति पूजा, परिमल ,तुलसी के संदर्भ में), साहित्य पुरुष आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, भक्ति काव्य के अमर गायक गोस्वामी तुलसीदास ,हिन्दी के प्रमुख नाटक, समीक्षात्मक अध्ययन, हिंदी साहित्य के पुरोधा (प्रसाद, मंझन दिनकर ,भूषण ,केशव )गुप्त के काव्य का साहित्यिक अध्ययन, स्वतंत्र उत्तर हिंदी उपन्यास विभाजन और विस्थापन ,सुहानी (काव्य संग्रह) जिंदगी काव्य( संग्रह ) पंत के काव्य में प्राकृतिक उपादान ,हिंदी भक्त कालीन काव्य, महिला सशक्तिकरण एवं लिंग भेद, आधुनिक ब्रज और अवधी काव्य में लोक तत्व , बोधिसत्व से बुद्ध तक जातक कथाएं ,आधुनिक ब्रजभाषा काव्य परंपरा और पारावार ब्रज कौं, प्रेमचंद की दलित चेतना की कहानियां, हिंदी शब्दकोश, हिंदी साहित्य के विविध रंग, छायावादी काव्य शिखर (प्रसाद, निराला, पंत एवं महादेवी वर्मा), जिंदा है कविराहा (उपन्यास )हिंदी साहित्य के विकास में साहित्य सम्मेलन प्रयास का योगदान, छायावादोत्तर हिंदी कविता में ग्राम एक अनुशीलन, हिंदी भाषा साहित्य और इतिहास, नागार्जुन की उपन्यास कला, व्यावहारिक हिंदी , हिंदी के प्रमुख कवि प्राचीन और मध्यकालीन, हिंदी व्याकरण और रचना, सुधियों के आंगन में( काव्य संग्रह ),वक्त के झरोखे में मुंशी प्रेमचंद, इंतजार कहानी (संग्रह )आधुनिक हिंदी काव्य के प्रमुख कवि खंड -1 ,आधुनिक हिंदी काव्य के प्रमुख कवि खंड -2, किस्मत का खेल (उपन्यास ),हिंदी के प्रमुख कवि प्राचीन और मध्यकालीन खंड -3, बालेदुं शेखर तिवारी व्यंग समग्र खंड -1 ,बालेदुं शेखर तिवारी खंड सामग्र दो, बालेदुं शेखर तिवारी सामग्र- 3 ,कालजयी नवगीत का मधुकर अठाना, मीरा गौतम रचनावली खंड-1, मीरा गौतम रचनावली खंड -2 ,मीरा गौतम रचनावली खंड 3, मीरा गौतम रचनावली खंड- 4 ,मीरा गौतम रचनावली खंड – 5, गुरु रविदास और संत कबीर ,दलित साहित्य के विविध आयाम ,सामाजिक क्रांति के अग्रदूत डॉ अंबेडकर ,दलित साहित्य उद्भव और विकास, डॉ अंबेडकर जीवन और दर्शन ,डॉ अंबेडकर और भारतीय समस्याएं ,दलितों के मसीहा डॉ अंबेडकर और कांशी राम, डॉ अंबेडकर और बौद्ध धर्म, आधुनिक परिप्रेक्ष्य में मान्यवर कांशी राम का योगदान ,दलितों के मसीहा डॉ भीमराव अंबेडकर, दलित आंदोलन में मान्यवर कांशीराम और मायावती का योगदान, दर्द का दायरा श्यामा प्रसाद मुखर्जी, 21वी सदी का महापुरुष अटल बिहारी वाजपई ,राजनीति के सफर का महानायक नरेंद्र मोदी, राजनीति का पुरोधा अमित शाह, गौरवशाली व्यक्तित्व योगी आदित्यनाथ ,भारतीय जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय, राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता में मोहन भागवत का योगदान, भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, महिलाओं के मसीहा साध्वी डॉ प्राची ,पर्यावरण चिंतन , जैन दर्शन और बौद्ध धर्म , सूरदास , कबीरदास, जायसी ,राग दरबारी ,मुक्तिबोध, बाणभट्ट आत्मकथा एक अनुशीलन, डॉ आंबेडकर और उनका आंदोलन, बहुजन नायक मान्यवर कांशी राम, कांत दर्शी युगपुरुष डॉक्टर अंबेडकर, हिंदी भाषा एवं व्याकरण ,संत रविदास और मानवीय चेतना ,सुश्री मायावती का जीवन संघर्ष ,इनमें शोध ,आलोचना ,उपन्यास ,कहानी काव्य संग्रह ,लोक साहित्य और दलित साहित्य तथा महापुरुषों के विषय पर पुस्तके हैं। चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डा आरपी वर्मा द्वारा लिखी गयी पुस्तकें उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों के पठन-पाठन में सहायक सिद्ध हो रही हैं। वह उच्च शिक्षा के संवर्धन एवं प्रोत्साहन के लिए समाज के गरीब छात्र-छात्राओं को दिशा निर्देशन देते रहते हैं। साहित्य के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय स्तर पर विशेष सम्मान प्रो (डॉ) आरपी वर्मा को समय – समय पर मिलता रहा है जिनमें प्रमुख अवार्ड रसाल सम्मान अवार्ड, केसरी नारायण शुक्ला अवार्ड, साहित्य सेवा श्री अवार्ड ,शिक्षक श्री अवार्ड ,भारतेंदु हरिश्चंद्र अवार्ड, राष्ट्रभाषा गौरव , ग्लोबल एजुकेशन लीडरशिप , विद्या रतन, विद्या सागर , राष्ट्रीय विद्या सरस्वती पुरस्कार, इंटरनेशनल एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड, बेस्ट एजुकेशनिस्ट , डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सद्भावना , पं दीनदयाल उपाध्याय ,रविंद्र नाथ टैगोर हिंदी लिटरेचर , अंतरराष्ट्रीय अहिंसा पुरस्कार, डॉ बाबासाहेब, लॉर्ड बुद्धा गोल्ड अवार्ड ,डॉ शंभूनाथ चतुर्वेदी, विशिष्ट सेवा एजुकेशनल एक्सीलेंस अवॉर्ड और मुंशी प्रेमचंद अलंकरण सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं।