चार धाम यात्रा 30 अप्रैल 2025 से शुरू होने जा रही है। पिछले साल जहां 48 लाख से ज़्यादा तीर्थयात्रियों ने चार धाम की यात्रा की थी, वहीं इस बार 50 लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं के वहां पहुंचने की उम्मीद है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 20 मार्च से शुरू हुआ था, जबकि ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 28 अप्रैल से शुरू हुआ था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 20 लाख तीर्थयात्री चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन भी करा चुके हैं। अब आइए जानते हैं कि चार धाम कैसे पहुंचें, कहां ठहरें और इस यात्रा पर कितना खर्च आएगा।
बुधवार से शुरू होगी चारधाम यात्रा, तैयारियां पूरी
उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट छह माह बंद रहने के बाद अक्षय तृतीया के पर्व पर बुधवार को फिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी हालांकि केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट क्रमश: दो मई और चार मई को खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था से लेकर अन्य सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं।
अधिकारियों ने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में अपार उत्साह नजर आ रहा है और अब तक देश-विदेश के 22 लाख से अधिक श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। उत्तरकाशी जिले में देवी गंगा की मूर्ति को मंगलवार दोपहर 12 बजे उनके शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए डोली में रवाना किया गया। पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढोल दमाउ, सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों और मां गंगा के जयकारों के बीच स्थानीय ग्रामीणों ने देवी की मूर्ति को बेटी की तरह नम आंखों के साथ गंगोत्री के लिए विदा किया।तीर्थ पुरोहित राजेश सेमवााल ने बताया कि भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम करने के बाद बुधवा सुबह डोली गंगोत्री धाम पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि पूर्वह्वा साढ़े 10 बजे मंदिर के कपाट खोले जाएंगे, जहां अगले छह माह तक श्रद्धालु देवी गंगा के दर्शन कर सकेंगे। सोमवाल ने बताया कि देवी गंगा की डोली कुल 25 किलोमीटर पैदल यात्रा कर धाम पहुंचती है। यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि देवी यमनुा की डोली अपने शीतकालीन प्रवास स्थल खुशीमठ से बुधवार सुबह यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होगी और विधिवत पूजा अर्चना के बाद 11 बजकर 55 मिनट पर मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
इस बीच, उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने ऋषिकेश पहुंचकर चारधाम यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। सेठ ने ऋषिकेश में मीडिया से बातचीत में बताया कि कश्मीर के पहलगाम की आतंकी घटना के मद्देनजर चारधाम यात्रा में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बताया, “हम यात्रियों को सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेंगे।” अधिकारी ने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए 6000 पुलिसकर्मी , 17 पीएसी कंपनी और केंद्र की तरफ से भेजी गई 10 कंपनी सुरक्षा बलों को चारधाम और यात्रा मार्गों पर तैनात करने की व्यवस्था की गयी है।
उन्होंने श्रद्धालुओं से बिना किसी चिंता के तीर्थयात्रा करने को कहा। सेठ ने बताया कि पूरे यात्रा क्षेत्र को इस बार 15 ‘सुपर जोन’ में बांटा गया है, जिसमें करीब 2000 से अधिक ‘क्लोज सर्किट कैमरे’ लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि जन सुरक्षा के साथ- साथ उत्तराखंड पुलिस का ध्यान यातायात व्यवस्था को सुचारू करने पर भी होगा। अधिकारी ने बताया कि एहतियात के तौर पर खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय रहेंगी और संदिग्धों पर निगरानी रखी जाएगी। पुलिस महानिदेशक ने ट्रांजिट कैंप ऋषिकेश में यात्रियों से बातचीत कर उनकी प्रतिक्रिया ली।
कैसे पहुंचें और कहां ठहरें?
अगर आप अपने घर से ही चार धाम यात्रा करना चाहते हैं तो आप किसी ट्रैवल एजेंसी से इस बारे में बात कर सकते हैं। वहीं अगर आप हरिद्वार या ऋषिकेश से यह यात्रा शुरू करना चाहते हैं तो आपको काफी सुविधा मिलेगी। चार धाम यात्रा के लिए आपको हरिद्वार और ऋषिकेश के लिए कई विकल्प मिलते हैं, जिसमें आप अपने बजट के हिसाब से सरकारी बस या प्राइवेट टैक्सी की सुविधा ले सकते हैं। हालांकि अगर आप बस से जाते हैं तो यह यात्रा आपके लिए काफी सस्ती हो जाती है। यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से होगी, जिसके लिए बस और टैक्सी दोनों उपलब्ध हैं। जहां तक ठहरने की बात है तो आपको हर धाम में ठहरने के लिए धर्मशाला और होटल मिल जाएंगे। ये होटल आपको मंदिर के आसपास आसानी से मिल जाएंगे। बस से यह पूरी यात्रा आपको करीब 6 हजार में पड़ेगी, जबकि टैक्सी से यह यात्रा आपको करीब 40,000 रुपये में पड़ेगी।
इसके अलावा सरकार चार धाम के लिए हेलीकॉप्टर की सुविधा भी देती है, जिसके लिए आपको 6,000 से 8,000 रुपये चुकाने पड़ सकते हैं, वो भी सिर्फ़ एक धाम में एक तरफ़ के लिए। अगर हेलीकॉप्टर का पूरा बजट देखा जाए, तो इस पैकेज की कीमत आपको लगभग 2.5 लाख रुपये पड़ सकती है।
अगर आप बाइक चलाने वाले हैं, तो आप हरिद्वार और ऋषिकेश से बाइक किराए पर भी ले सकते हैं, जिसका किराया आपको 1,500 रुपये प्रतिदिन हो सकता है।
हर धाम के रास्ते में आपको ठहरने के लिए होटल और होमस्टे मिल जाएँगे। रात में पहाड़ों पर गाड़ियाँ नहीं चलती हैं, इसलिए शाम होते ही होटल ढूँढ़ लेना आपके लिए बेहतर रहेगा।
एक अनुमान के मुताबिक, यमुनोत्री और गंगोत्री की यात्रा और ठहरने का खर्च लगभग 12,000 रुपये होगा, जबकि अकेले केदारनाथ की यात्रा और ठहरने का खर्च 15,000 रुपये तक पहुँच सकता है। वहीं, बद्रीनाथ में भी आपका खर्च लगभग 12,000 रुपये हो सकता है। याद रखें कि यह खर्च बस और टैक्सी से यात्रा करने वालों के लिए है। हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं का कुल खर्च 2.5 लाख तक हो सकता है।