तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रमाण पत्र वितरण के बाद समापन

प्रयागराज । जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रयागराज में उप शिक्षा निदेशक/प्राचार्य राजेंद्र प्रताप के मार्गदर्शन में नवाचारी शिक्षण विधियो का प्रशिक्षण कार्यक्रम समापन किया गया । इस कार्यक्रम में जनपद स्तर से 100 माध्यमिक शिक्षक प्रतिभाग किए ।कार्यक्रम का समापन फीडबैक सत्र प्रमाण पत्र वितरण की पश्चात् किया गया ।अपने संबोधन में प्राचार्य ने बताया कि जनपद स्तर की शिक्षण व्यवस्था को समृद्ध करने के लिए नवीन शिक्षण विधियां का ज्ञान आवश्यक है । नवीन शिक्षण विधियां वांछित वर्तमान में उद्देशित लर्निंग आउटकम्स पूरा करने में मदद करेंगी। आप सभी इन शिक्षण विधियां को आत्मसात कर शिक्षण कौशल को विकास करते हुए माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था को गुणात्मक एवं समृद्ध बनाएं, ताकि बच्चे समझ आधारित शिक्षण प्राप्त कर वांछित उद्देश्यों को प्राप्त करने में समर्थ हो सकेंगे। जनपद स्तर की शिक्षा को समृद्ध बनाने के लिए तथा सरकार द्वारा चलाई जा रही शिक्षा से संबंधित प्रत्येक योजनाओं को इन नवीन शिक्षण विधियां के प्रयोग माध्यम से शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित करें। आज के बढ़ते हुए प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी युक्त शिक्षण व्यवस्था में नवाचारी शिक्षण विधियों को लागू करते हुए आप सभी गुणात्मक शिक्षा प्रदान करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप माध्यमिक शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को प्रभावी बनाएं। उक्त कार्यक्रम का संयोजन डायट प्रवक्ता वीरभद्र प्रताप डॉक्टर अंबालिका मिश्रा, शबनम ने किया । कार्यक्रम में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रवक्ता वीरभद्र प्रताप, अंबालिका मिश्रा, शबनम, विपिन कुमार, कुलभूषण मौर्य और प्रसून सिंह ने नवाचारी शिक्षण विधियों में गतिविधि आधारित, प्रोजेक्ट , आगमन निगमन , खेल , गमिफिकेशन, केस स्टडी, स्टीम, अन्वेषण, समस्या समाधान, पर्यटन, मनोवैज्ञानिक, मिश्रित अधिगम, समाजमिति, संश्लेषण, विश्लेषण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैट जीबीटी इत्यादि प्रविधियो पर प्रकाश डाला । सभी प्रतिभागी गतिविधि के माध्यम से प्रस्तुतीकरण भी दिए। कार्यक्रम समापन में डायट प्रवक्ता अमित सिंह , ऋचा राय व उत्कर्ष, डॉक्टर अब्दुल मोहयी,सहित डायट परिवार की सुंदरता सहभागिता दर्शनीय रही ।

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