दूर हो गई बाधा, गंगा नदी में डुबकी लगाने के बाद सीधे श्रीकाशी विश्वनाथ का जलाभिषेक कर सकेंगे

बाबा भोले की नगरी वाराणसी में गंगा नदी में डुबकी लगाने के बाद वहीं से लुटकी में जल लेकर श्रीकाशी विश्वनाथ के मंदिर में जलाभिषेक करने की करोड़ों भक्तों की बाधा अब दूर हो गई है। अब सदियों पुरानी परंपरा का पालन फिर से होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सोच से भक्तों का यह सपना अब साकार हो गया है।

वाराणसी के बाबा विश्वनाथ के तीर्थयात्रियों और भक्तों को पवित्र नदी में डुबकी लगाने की सदियों पुरानी परंपरा का पालन अब फिर से होगा। खराब रख-रखाव एवं भीड़भाड़ वाली सड़कों की बाधा अब दूर हो गई है। भक्त अब गंगाजल लेकर मंदिर में अर्पित कर सकेंगे। अब यहां पर सारी कठिनाइयों को दूर करके उन्हें सुविधा प्रदान करने का प्रधानमंत्री का काफी पुराना सपना साकार हो गया है। सपने को साकार करने के लिए वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को गंगा नदी के तट से जोडऩे के लिए एक सुगम मार्ग के सृजन की एक परियोजना के रूप में श्री काशी विश्वनाथ धाम की परिकल्पना जीवंत हो गई। इस पुनीत कार्य को शुरू करने के लिए पीएम मोदी ने आठ मार्च 2019 को वृहद परियोजना की आधारशिला रखी थी।प्रधानमंत्री मोदी ने इसके बाद से इस परियोजना के सभी चरणों के सुगम क्रियान्वयन में उत्साही और सक्रिय रुचि दिखाई। प्रधानमंत्री ने नियमित तौर पर निर्देश देने के साथ समीक्षा और निगरानी की। इस परियोजना को बेहतर बनाने और दिव्यांगजनों समेत सभी तीर्थयात्रियों के लिए इसे और अधिक सुलभ बनाने के क्रम में उन्होंने लगातार इनपुट दिए और इस सम्बन्ध में अपना दृष्टिकोण साझा किया। परियोजना को रैंप, एस्केलेटर और अन्य आधुनिक सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया, ताकि दिव्यांगजनों और वृद्ध लोगों को पहुंचने में आसानी हो।

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