परमात्मा से नाता जोड़े बगैर जीव को चित्त की शांति नहीं मिल सकती -डॉ अनिरुद्ध जी महाराज

प्रयागराज। दिव्य आत्मा राष्ट्र सेवा मिशन प्रयागराज इकाई के तत्वाधान में चल रहे मुंशी राम प्रसाद की बगिया नारायण वाटिका के प्रांगण में कथा के पंचम दिवस पर कथा का रसपान कराते हुए डॉ अनिरुद्ध जी महाराज ने भक्तों से कहा कि विशुद्ध मन वासुदेव है और देवमई बुद्धि देवकी है जब आपका मन विशुद्ध हो जाता है और बुद्धि देवमई हो जाती है तभी आपके जीवन में परमात्मा का प्राकट्य होता है और भगवान का जन्म नहीं होता भगवान का प्राकट्य होता है क्योंकि परमात्मा नित्य है और उस नित्य परमात्मा से नाता जोड़े बगैर जीव के चित्त को शांति नहीं मिल सकती क्योंकि मनुष्य का शरीर पंचकोश से निर्मित है जो परमात्मा से जुड़ा हुआ है
   आज की कथा में भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला गोवर्धन कथा का वर्णन किया गया
      आज की कथा के मुख्य आरती में भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अवधेश चंद्र गुप्ता, गोपाल जी निगम राष्ट्रीय संयोजक अध्यात्म प्रचार प्रसार समिति भाजपा नेता बादल केसरवानी रवि शुक्ला घनश्याम मौर्य जूही जायसवाल ने भक्तों के साथ महाआरती की
      कथा का संचालन राजेश केसरवानी ने किया
    इस अवसर पर   नीरज गुप्ता  अभिलाष केसरवानी आयुष श्रीवास्तव उषा केसरवानी संतोष चौरसिया कुसुम केसरवानी अजय अग्रहरि सचिन मोदनवाल विमला जायसवाल सरिता जायसवाल विजयलक्ष्मी केसरवानी  अजय अग्रहरि आलोक वैश्य राकेश जायसवाल, एवं  भक्त गण उपस्थित रहे

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