पहले भेजी डमी एयरक्रॉफ्ट, फिर ब्रह्मोस से उड़ाया, ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा खुलासा

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायु सेना ने दुश्मन के एयर डिफेंस कवच को तोड़ने की ऐसी नायाब तरकीब अपनाई, जिसे इस संघर्ष की बड़ी उपलब्धि के तौर पर हमेशा याद रखा जाएगा। पाकिस्तानी वायु सेना तो शायद ही उन यूएवी को भूल पाएगी, जो फाइटरों की तरह सीमा पर बढ़े थे और उन्हें मार गिराने की फिराक में उसने अपने राडार और एयर डिफेंस का वह नेटवर्क सार्वजनिक दिया, जिसे बड़े जतन से छिपाया हुआ था। ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किए जाने के बाद पाकिस्तान ने जवाब में भारत के 16 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए ड्रोन्स, यूएवी और मिसाइलें लॉन्च की भारत के थी। इसके अगले दिन पाक ने भारत 36 ठिकानों को लक्ष्य करते हुए निशाना बनाया तो जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायु सेना ने 7-8 मई की रात को लाहौर समेत उसके 4 एडी राडार को सशस्त्र ड्रोन से हमला करके नष्ट कर दिया।

ऑपरेशन सिंदूर में भारत के स्वदेशी आकाशतीर वायु रक्षा प्रणाली ने पाक के मिसाइल और ड्रोन हमलों को नाकाम किया। यह प्रणाली, शत्रु हमलों का पता लगाकर उन्हें नष्ट करती है। भारतीय वायु सेना ने असली फाइटरों जेट की जगह डमी फाइटर जेट का इस्तेमाल किया। इसके लिए अनमँड एरियल व्हीकल्स (यूएवी) का सहारा लिया गया। डीआरडीओ के लक्ष्य और ब्रिटिश वंशी यूएवी को जेट जैसा दिखाने के लिए वजनी बनाया गया। इनमें इंफ्रारेड सिग्नेचर जोड़ा गया ताकि पाकिस्तानी वायु सेना को लगे कि असली फाइटर आ रहे हैं। पाकिस्तान के मुरीद एयरबेस, सियालकोट, सरगोधा और रहीम यार खान के सामने इन डमी फाइटर जेट की उड़ान भेजी गई।

पाकिस्तान ने एचक्यू-9 मिसाइल बैटरियों और राडार नेटवर्क को एक्टिवेट कर दिया। भारतीय वायु सेना ने इस स्थिति का फायदा उठाया। हैरोप ड्रोन्स ने पाकिस्तानी मिसाइल बैटरियों और राडार साइट्स को नष्ट कर दिया। इसके चलते पाकिस्तानी वायु सेना बिना रक्षा कवच के रह गई।

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