पाकिस्तान में हिंदू समेत सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लोग अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इन समुदायों को हमले और जबरन मतांतरण का सामना करना पड़ रहा है। निशाना बनाकर हत्या भी की जा रही है। हाल में सिंध प्रांत में 50 हिंदुओं का जबरन मतांतरण कराने की खबर सामने आई थी।पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमले की खबर अक्सर आती रहती है। बीते दो दिन में देश के विभिन्न हिस्से में अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े तीन व्यक्तियों को निशाना बनाया गया और उनकी मौत हो गई। कराची में 30 मार्च को हिंदू अनुसूचित जाति से आने वाले डा. बीरबल गिनानी पर जान बूझकर हमला किया गया और उनकी मौत हो गई। पेशावर में 31 मार्च को एक अज्ञात हमलावर ने सिख दुकानदार दयाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। एक अप्रैल को ईसाई काशीफ मसीह की भी अज्ञात हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी। इन हत्याओं को अंजाम देने वालों को पकड़ने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की विफलता से अल्पसंख्यक समुदायों के लोग हताश हो गए हैं। उनमें गुस्सा है और वे स्वयं को असहाय महसूस कर रहे हैं। धर, सरकार राजनीतिक और धार्मिक कारणों से अल्पसंख्यकों की चिंताओं का समाधान करने में असमर्थ है। बहुसंख्यक सुन्नी समुदाय के हाथों अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हर दिन उत्पीड़न और अपमान का सामना कर रहे हैं।
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