पोलैंड फेर न दे जेलेंस्की के जश्न पर पानी! नवरोकी की जीत का रूस-यूक्रेन युद्ध पर क्या असर होगा?

1 जून को दूसरे चरण के मतदान के बाद कंजर्वेटिव उम्मीदवार करोल नवरोकी ने पोलैंड के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की है। राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने कहा कि नवरोकी ने लिबरल पार्टी के उम्मीदवार रफाल ट्रज़ाकोव्स्की को हराकर 50.89 प्रतिशत वोट हासिल किए। नवरोकी को ट्रम्प प्रशासन का समर्थन प्राप्त है, होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने उनके चुनाव से एक सप्ताह से भी कम समय पहले उनके लिए वकालत की है। चुनाव की रात नवरोकी द्वारा लाइवस्ट्रीम की गई फुटेज में उन्हें परिणाम की घोषणा से पहले मंच पर दिखाया गया है।  इस निर्णायक चरण से पहले 18 मई को हुए पहले दौर के मुकाबले में ट्रजास्कोव्स्की ने करीब 31 प्रतिशत और नवरोकी ने लगभग 30 प्रतिशत वोट हासिल किए थे तथा इस दौर में 11 अन्य उम्मीदवार बाहर हो गए थे।

रूस-यूक्रेन के बीच एक और दौर की सीधी बातचीत से ठीक पहले यूक्रेन ने रविवार को एक बड़ा हमला किया। यूक्रेन ने दावा किया कि उसने रूस के अंदर बेहद गोपनीय तरीके से बड़ा ड्रोन हमला किया। इसमें न्यूक्लियर बम बरसाने की काबीलियत रखने वाले 41 सैन्य विमानों को नष्ट कर दिया गया। यह हमला रूस की सीमा के 4,000 किलोमीटर अंदर स्थित इर्कुत्स्क क्षेत्र के वेलाया एयरवेस समेत कई ठिकानों पर किया गया। ऐसे में पोलैंड के राष्ट्रपति चुनाव में कंज़र्वेटिव उम्मीदवार करोल नवरोकी की संभावित जीत रूस-यूक्रेन युद्ध पर महत्वपूर्ण असर डाल सकती है। बता दें कि नवरोकी दक्षिणपंथी पार्टी ‘लॉ एंड जस्टिस’के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने ने अपने चुनावी अभियान में यूक्रेन के प्रति पोलैंड की नीति को लेकर कई निर्णायक संकेत दिए हैं।

नवरोकी ने कहा कि यूक्रेन को कभी नाटो में शामिल नहीं होना चाहिए। नवरोकी की नीति से न केवल यूक्रेन का साथ देने वाले देश भी चिंतित हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि अगर यूक्रेन नाटो का हिस्सा नहीं बना, तो रूस पोलैंड की सीमाओं तक पहुंच सकता है। वे यूक्रेन को नाटो या यूरोपीय संघ में शामिल करने के पक्ष में नहीं हैं। नवरोकी को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोप के दक्षिणपंथी नेताओं का समर्थन प्राप्त था।

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