बच्चो मे हो रहे संसकार की कमी जिम्मेवार माता पिता- दुकानजी

आज के भारतीय संस्कृति के परिवेश मे बच्चो मे हो रही संस्कार की कमी के जिम्मेदार अभिभावक माता पीता है ऐसी कौन सी वजह का कारण उनके अन्दर प्रवेश कर रहा ऐसा क्या कारण है जो अपने बच्चो मे संस्कार देने मे असमर्थ हो रहे ये तो भारतीय संस्कृति की पहचान नही ईसका क्या कारण है इसपर आप विचार करते है या नही बच्चा पैदा होता पहली छाती का दूध और गोद, दूसरा पिता की उगली जो चलना सिखाती, तिसरा गुरू जो शिक्षा देता तब भी बच्चो मे संस्कार की कमी हो रही ईसका सर्वेक्षण प्रयागराज के राजेन्द्र कुमार तिवारी दुकानजी ने कर के निष्कर्ष निकाला की जैसे जैसे बच्चा बडा होता है उसको संस्कार न देकर दूसरे के घर का बच्चा ऐसा है वैसा है तो हमारा बच्चा ऐसा क्यो नही दूसरे का बच्चा अच्छा खा रहा पहन रहा जेब खर्च मिल रहा स्कूटर से कार से जा रहा ये सोच जो आज के माता पिता अभिवाहको के मन मे जादा देखने को मिल रहा उसी ओछी सोच के कारण हम क्या वो क्या है यही सोच के कारण संस्कार देना भूल रहे यही सोच बडे हो रहे बच्चो के अन्दर प्रवेश कर रहा और बच्चो मे कहा से संस्कार आयेगा और वे संस्कार विहिन हो रहे क्योकी आज के आधुनिक परिवेश मे पाश्चात्य दिशा की ओर हम आप अपने संस्कार को भूलते जा रहे तो वो बच्चे तो अभी बच्चे है जैसा हम परोस रहे वैसा वो खा रहे ये उनकी गल्ती नही इसके जिम्मेवार हम है आज घर के बडे माता पिता अगर उनके परिवार या खानदान मे आपसी मतभेद है बोल चाल बन्द है तो वे अपने बच्चो को भी ये तक भी बताना उचित नही समझते की वे आपके दादा है दादी है फूफा है चाचा मामा है जब ऐसी छोटी सोच हो रही है तो उन बच्चो को दोस देना उचित नही जब घर के बडे बुजुर्गो मे सोच प्रवेश कर गयी है जब वे ही संस्कार भूल गये तो ये बच्चे भी वही करेगे और कर रहे कोई बडी बात नही हो सकता ये भी हो आपके सम्बन्ध ठीक नही सायद अगर बच्चो को अगर बता दे ये सब रिस्तेदार परिवार के है तो एक दिन ऐसा भी हो सकता की वे बच्चे ही सभी मतभेद को खत्म कर परिवार का जो पुराना सम्बन्ध खत्म कर सकते परिवार एक कर सकते है अब भी समय है आपका मतभेद हो मगर बच्चो जरूर बताये उनका आदर सम्मान करे ये संस्कार आप मे ईतना तो होना ही चाहिए सबसे बडी बात बच्चा स्कूल मे पढ रहा गल्ती करने पर टिचर शिक्षक अध्यापक गुरू ने बिगड दिया डाट दिया पनेसमेन्ट दिया या कही मार दिया बच्चे ने घर पर आके बताया या डर के मारे नही बताया किसी और के जरिए आप को पता चला तो आप अपने बच्चे की गल्ती को नजरन्दाज कर के आप उस टिचर गुरू अध्यापक के पास पहुंच कर भला बुरा कह दिया उसकी ही गल्ती निकालना ये बच्चा सुनकर या किसी से पता चलने पर की घर के लोगो ने टिचर को बिगडा तो वे बच्चे का हौसला बढेगा जब आपमे ऐसे संस्कार है तो जो आज के बच्चे मे जो संस्कार की कमी बडो की ईज्जत करना सम्मान देने की कमी उसके जिम्मेवार आप है अगर आपका बच्चा बाहर कोई बदमाशी किया लड गया गाली दे दिया किसी ने उसको बिगड दिया बच्चे ने घर मे आके बताया फलाने या अंकल ने हमे बीगडा या मारा तब भी आप अपने बच्चे का फेवर लेकर कहने पहुंच गये कैसे आपकी हिम्मत पडी हमारे बच्चे को डाटने की क्या यही संस्कार है आपके जब आप ही ऐसे है तो बच्चो का क्या दोष आपको बदलना पडेगा तभी आपके बच्चो मे संस्कार बडो का आदर सम्मान करना आयेगा दुकानजी की बात सही है या गलत लेकिन सर्वेक्षण करने पर यही निकला की बच्चो के भविष्य और संस्कार के साथ खिलवाड कर रहे आप जिनमे जादातर दोसी माता पिता है और एक बात हर माता पिता का भी कर्तव्य होना चाहिए अपने बच्चो पर ध्यान दे और आज लोगो की प्रब्रिति मे ये बढता जा रहा सिर्फ दूसरे को दोश देना तै बडा की मै बडा शंका अंहकार घमंड का चलन बढ रहा वे सब आपके बच्चो पर ही उसका असर हो रहा जो देखने को मील रहा अगर दूसरे का बच्चा स्कूल कालेज जाते समय उसको जेब खर्च के लिये 10,50,100 रूपये दिये तो हम क्यो न दे अपने बच्चे को क्यो कि अगर बच्चो को संस्कार देना अच्छी शिक्षा देना चाहते तो तै बडा की मै बडा आपको छोडना पढेगा और आप जो खर्चा देते है तो हर 15 दिन मे स्कूल जाकर पता करे की आपका बच्चा आपके दिये गये पैसे का सही इस्तेमाल कर रहा या गलत इस्तेमाल कर रहा ये आपकी जिम्मेवारी होनी चाहिए अगर दूसरा कभी कहे आपका बच्चा सरारत करता नशा करता तो गम्भीरता से सुन कर पता करे की सही कह रहा या गलत ये न कहे की पहले अपने बच्चे को सम्भालो हमारे बच्चे को आपकी हिम्मत कैसे पड़ी ये कहने की अगर आप अपने माता पिता अभिवाहक होने का जब तक फर्ज गम्भीरतापूर्वक नही निभाए गे सोचेगे की कही न कही हमसे कोई गलती हो रही या हो गयी है हम अपने बच्चे पर ध्यान नही दे रहे ईसके साथ एक और बात बच्चा सो रहा देर रात तक कोई कहा इतनी देर तक सो रहो ईसपर भी कही न कही आपकी गलती क्योकी आपका जवाब जादा तर देखने को मिले रात देर तक कम्पूटर मे पढ रहा था मगर रात भर बच्चा कम्पूटर पर क्या पढ या देख रहा था ईस पर भी आपको ध्यान रखना पढेगा आप सब को हमारी लिखी कुछ लोगो को अच्छी कुछ लोगो को बुरी लगेगी मगर हमारे दृष्टि से सत प्रतिसत सच फैक्ट है अब भी समय है अपने बच्चो मे संस्कार डाले लाये संस्कार क्या है बताये संस्कार वान बनाए अपने दोसो को छुपाने से दिखावा करने से अपने को बचाये जब आपमे संस्कार नही होगा तो आप बच्चो को क्या संस्कार देगे अपने सोच को बदले
हमारे मन मे ऐसा लिखने को रात मे 12 बजे दिमाग ने कहा लिखने बैठा आप अगर गम्भीरतापूर्वक लेगे तो हम अपने को अपने बच्चो को आने वाली पिढी को संस्कार वान बना पायेगे नही तो जिस बच्चे की हर जरूरत चिज को चाहे कर्जा लेकर पूरा दिखावे के लिये कर रहे करते आ रहे करते करते अगर थोडा संस्कार नही दिये तो आप पछतायेगे और जादा बोलेगे बाद मे तो आपको बृद्धा आश्रम मे भेज देगे जो अब के समय का दौर जो देखने को मिल रहा अभी भी समय है आपको गम्भीरतापूर्वक सोचने समझने का निर्णय लेने का है आप अपने बच्चो को सही राह दिखाये ये हमने रात 1/55 पर लिख कर पूरा किया दुकानजी

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