प्रयागराज।
प्रसार निदेशालय, शुआट्स, प्रयागराज जनपद पटना, बिहार राज्य के चयनित 46 कृषकों का आत्मा योजनान्तर्गत पाँच दिवसीय कृषक परिभ्रमण कार्यक्रम का समापन दिनांक 22.11.2024 को प्रसार निदेशालय में हुआ। निदेशक प्रसार डा० प्रवीन चरन ने कृषकों को समन्वित कृषि प्रणाली की उपयोगिता के बारे सन्दर्भित करते हुए कहा कि कृषि के विभिन्न उद्यमों, फसल उत्पादन, मवेशी पालन, फल तथा सब्जी उत्पादन, मछली पालन, वानिकी इत्यादि का जब एक साथ इस प्रकार समायोजन किया जाये कि वे एक दूसरे के पूरक हों जिससे संसाधनों की क्षमता, उत्पादन एवं लाभप्रदता में पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए वृद्धि की जा सके तो इसे हम समन्वित कृषि प्रणाली कह सकते हैं। इस प्रणाली के द्वारा किसान अपने खेतों में संरहित जल से फसल आच्छादन बढ़ा सकते हैं तथा उपलब्ध संसाधनों का भरपूर दोहन करते हुए अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।
मुख्य अतिथि एसआरएस सर्टिफिकेशन इण्डिया के निदेशक श्री किरण कुमार ने कहा कि अंधाधुंध रसायनों के प्रयोग से भूमि का स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है जिससे उत्पादन में कमी के साथ-साथ विषैला उत्पाद लोगों को प्राप्त होता है जिससे स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्यायें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। अतः जैविक खेती के उपयोग द्वारा इन समस्याओं का निराकरण प्राप्त किया जा सकता है। एसआरएस सर्टिफिकेशन इण्डिया के जैविक सलाहकार श्री दिनेश गुरनानी ने कहा कि जैविक उत्पादन न सिर्फ आज के समय की आवश्यकता है अपितु निरन्तर जैविक खेती का फसलों में उपयोग द्वारा रसायनिक कीटनाशकों का प्रभाव शनैः शनैः कम किया जा सकता है तथा गुणवत्तायुक्त उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। समन्वयक डा० अरुण यादव, डा० मनीष कुमार केसरवानी, आत्मा, पटना के टीम लीडर श्री अभिषेक कुमार एवं सुमन सौरभ, डा० रामपाल सिंह, डा० योगेश चन्द्र श्रीवास्तव, डा० टी. डी. मिश्रा, डा० शैलेन्द्र कुमार सिंह द्वारा भी कृषि सम्बन्धित जानकारी प्रदान की। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं निदेशक प्रसार ने कार्यक्रम में प्रतिभागी कृषकों को प्रमाण-पत्र का वितरण किया।