नवाबगंज।अटरामपुर क्षेत्र के धर्मवाटिका प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन गुरुवार को कथावाचक ब्रम्हर्षि स्वामी नागेंद्र महाराज जी के मुखारविंद से परीक्षित जन्म के बारे में विस्तार से वर्णन किया। धरती रूपी गाय एंव धर्म रूपी बैल का संवाद शमीक ऋषि के आश्रम पहुंचना ऋषि के गले मे मरा हुआ सर्प डालना एंव ऋषि पुत्र द्वारा श्रंगी ऋषि द्वारा श्राप देना एंव जन्मेजय को राज्य सौंप कर गंगा तट पर जाकर हजारो संतो के बीच बैठ कर पूज्य सुखदेव जी द्वारा श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण कर मोक्ष प्राप्त करना आदि का बहुत सुंदर प्रवचन किया।महाराज जी ने कथा के माध्यम से बताया कि प्रत्येक मनुष्य को भागवत कथा अवश्य सुनना चाहिए।इस कथा के श्रवण मात्र से ही मनुष्य भव सागर से पार हो जाता है।इस अवसर पर हरदेव प्रसाद मिश्र,पवन कुमार मिश्र,चंद्र कुमार मिश्र,शिवकुमार मिश्र,कृष्णकुमार मिश्र,अमित कुमार मिश्र,अरुण कुमार मिश्र,अरविंद कुमार मिश्र,विपिन कुमार मिश्र आदि लोग रहे।
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