भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देकर पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। जिस तरह से भारत ने इस ऑपरेशन को पूरा किया। उसके बाद पाकिस्तान के एक के बाद एक दावों की पोल खुलने लगी। लेकिन इन सब के बीच पाकिस्तान द्वारा एक ऐसा दावा भी किया गया था, जिसे लेकर भारतीय पक्ष से अब तक कोई जवाब नहीं आया था। पाकिस्तान का दावा था कि उसने भारत के पांच फाइटर जेट्स मार गिराए हैं। अब इसके जवाब में भारत ने पहली बार इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने स्वीकारा कि भारत का लड़ाकू विमान भी इसमें नष्ट हुआ है। हालांकि चार दिन तक चले इस संघर्ष को लेकर सीडीएस अनिल चौहान ने बताया कि कभी भी परमाणु युद्ध की नौबत नहीं आई।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान पहले भारतीय अधिकारी बन गए हैं जिन्होंने पुष्टि की है कि 7 मई को पाकिस्तान के साथ झड़पों में भारतीय वायुसेना ने कुछ लड़ाकू गंवा दिए हैं। सिंगापुर में ब्लूमबर्ग टीवी को दिए एक साक्षात्कार में हालांकि उन्होंने उस रात भारत द्वारा खोए गए लड़ाकू विमानों की सटीक संख्या बताने से इनकार कर दिया। जनरल चौहान ने 30 मई को सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग में भाग लेने के दौरान दिए गए साक्षात्कार में कहा कि महत्वपूर्ण बात यह नहीं है कि विमान गिरा, बल्कि यह है कि वे क्यों गिराए गए। लड़ाकू विमानों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा वे क्यों गिरे, क्या गलतियाँ हुईं – यही महत्वपूर्ण है। संख्याएँ महत्वपूर्ण नहीं हैं।उन्होंने पाकिस्तान के इस दावे को भी बिल्कुल गलत बताया कि उसने उस रात छह भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया था। चार दिवसीय संघर्ष के दौरान और उसके बाद अपने आधिकारिक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री और वायु संचालन महानिदेशक एयर मार्शल एके भारती ने नुकसान से इनकार नहीं किया था। भारती ने कहा था कि हम युद्ध की स्थिति में हैं और नुकसान युद्ध का एक हिस्सा है, लेकिन उन्होंने कोई भी विवरण देने से इनकार कर दिया। जनरल चौहान नुकसान की पुष्टि करने वाले पहले अधिकारी बन गए हैं।
सीडीएस ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने उन नुकसानों से सबक सीखा है और संघर्ष के दौरान उन्हें लागू किया है। इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दावा किया था कि उनके देश ने संघर्ष की पहली रात को तीन फ्रांसीसी राफेल सहित छह भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया था।