भारत के खिलाफ की थी मदद, अब एर्दोगन को शुक्रिया कहने Tukey पहुंचे शहबाज शरीफ

भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष में तुर्किये ने संघर्ष से पहले और बाद में पाकिस्तान को स्पष्ट समर्थन देने में दृढ़ता दिखाई। तुर्की सरकार के करीबी सूत्रों ने दावा किया कि तुर्की के मालवाहक विमानों ने पाकिस्तान को सैन्य आपूर्ति की, हालांकि तुर्की के अधिकारियों ने इससे इनकार किया। यह लंबे समय में तुर्किये द्वारा दिया गया सबसे जोरदार बयान है, जो पहले घोषित एशिया एन्यू इनिशिएटिव से स्पष्ट रूप से अलग है, क्योंकि तुर्किये ने अपनी दक्षिण एशिया नीति में व्यापार पर सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने तब से कई बार बात की है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के लिए अपने देश के समर्थन को दोहराया है। अब लगता है कि इसी समर्थन का आभार जताने के लिए पाकिस्तान के वजीर ए आजम तुर्की के दौरे पर पहुंच गए हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा की और रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने का संकल्प दोहराया। यह जानकारी सोमवार को मीडिया ने दी। शरीफ चार मित्र देशों की अपनी यात्रा के तहत रविवार को दो दिवसीय दौरे पर तुर्किये पहुंचे। इन मित्र देशों में ईरान, अजरबैजान और ताजिकिस्तान भी शामिल हैं। सरकारी प्रसारक पीटीवी न्यूज के अनुसार, शरीफ और एर्दोआन ने रविवार को प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक की। एर्दोआन के साथ अपनी बैठक में शरीफ ने संयुक्त उद्यमों और द्विपक्षीय निवेश बढ़ाने की वकालत की तथा नवीकरणीय ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा उत्पादन, बुनियादी ढांचे के विकास और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों को आपसी हित के संभावित क्षेत्रों के रूप में रेखांकित किया। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम की व्यापक समीक्षा की तथा रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने का अपना संकल्प दोहराया।

शरीफ ने एक्स पर लिखा कि हमने अपने बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों, विशेष रूप से व्यापार और निवेश में जारी प्रगति की भी समीक्षा की। भाईचारे तथा सहयोग के इन अटूट बंधनों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखने के अपने संकल्प की पुष्टि की। शरीफ ने इस महीने भारत के साथ सैन्य टकराव के दौरान अपने देश के समर्थन के लिए एर्दोआन को धन्यवाद भी दिया। गत 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। भारत ने सात मई की सुबह पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सटीक हमले किए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी कार्रवाई का कड़ा जवाब दिया। दस मई को दोनों पक्षों के सैन्य अभियान महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी थी। एर्दोआन के साथ बैठक के दौरान शरीफ के साथ विदेश मंत्री इसहाक डार, सेना प्रमुख (सीओएएस) फील्ड मार्शल आसिम मुनीर और सूचना मंत्री अताउल्ला तरार भी थे।

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