मेरठ में मंगलवार रात 10:20 बजे अचानक से धरती हिलने लगी। भूकंप के तेज झटके महसूस होने के बाद दहशत के चलते लोग घरों से दौड़कर बाहर निकल गए। उधर, भूकंप की वजह से सदर तहसील स्थित कॉलोनी में एक मकान का छज्जा टूट कर गिर गया।
वहीं मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में रहने वाले लोग फ्लैट छोड़कर नीचे मैदान में जमा हो गए। दहशत के इन पलों में लोग भागो-भागो, बाहर निकलो…चिल्लाते हुए बचाव के लिए स्थान तलाशने लगे। अधिकतर लोगों ने कहा कि पिछले कई साल से इतनी तेज झटके कभी महसूस नहीं हुए।शहर में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। सबसे ज्यादा खौफ मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में रहने वालों लोगों में दिखा। सुपरटेक पाम ग्रीन, पर्ल रेजीडेंसी, अंसल कॉलोनी के लोग फ्लैट से निकलकर बाहर दौड़ पड़े। घरों, कार्यालयों में पंखे, मेज और कुर्सियां हिलने लगीं। वहीं सड़क पर चल रहे वाहन भी रास्ते में रोक दिए गए। परिचितों और रिश्तेदारों में फोन कर लोगों ने एक-दूसरे का हाल पूछा। लोग सड़क पर खड़े होकर यही कह रहे थे कि बहुत तेज भूकंप था, कुछ देर और रहता तो मकान गिर सकते थे।अधिवक्ता राम कुमार शर्मा ने बताया कि हनी गोल्फ ग्रीन निकट मोती प्रयाग में सत्यम टावर की आठवीं मंज़िल पर उनका घर है, बेड, पंखा सब हिल रहे थे। बेटी और पत्नी दोनों ने एक दूसरे को पकड़ लिया। झटके काफी देर तक रहे।सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही का कहना है कि एक बार तेज भूकंप आने के बाद कई हल्के भूकंप आते हैं। अक्सर ऐसा होता है, पहले भी हुआ है।विज्ञान क्लब के जिला समन्वयक दीपक शर्मा ने बताया कि पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।