वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर व्यक्ति के जीवन में ग्रहों की चाल और उनकी स्थिति का विशेष प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष में सभी ग्रहों की अलग-अलग महत्व और भूमिका होती है। कुंडली में मौजूद ग्रहों की चाल और पोजिशन को देखने के बाद ही बनने वाले दोषों और राजयोग के बारे में पता लगाया जा सकता है। वहीं यदि कुंडली में ग्रहों की स्थिति अच्छी होती है, तो व्यक्ति को अपने जीवन में हर तरह की सुख-सुविधा मिलती है।
वहीं कुंडली में कुछ ग्रह ऐसे भी होते हैं, जिनकी स्थिति बली होने पर जातक को कार्यक्षेत्र में नौकरी में खूब तरक्की करता है। कुंडली में मौजूद यह ग्रह शुभ स्थान पर होने पर जातक को अच्छी नौकरी और प्रमोशन कम समय में मिलता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि करियर और नौकरी में अहम भूमिका निभाने वाले ग्रह कौन-कौन से हैं और इन ग्रहों की स्थिति कहां पर शुभ होती है।
ग्रह और करियर
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक करियर, नौकरी और प्रमोशन के लिए चार प्रमुख ग्रहों की स्थितियों का आकलन जरूरी होता है। यह चार ग्रह बुध, सूर्य, मंगल और शनि हैं। कुंडली में इन चारों ग्रहों की स्थिति शुभ होने पर जातक को नौकरी और व्यापार में अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। वहीं कुंडली में करियर के विश्लेषण के लिए दशम भाव का खास महत्व होता है। इनसे ही करियर के बारे में सटीक भविष्यवाणी की जाती है।
सूर्य
ज्योतिष में सूर्य को सभी ग्रहों का राजा कहा जाता है। सूर्य ग्रह नौकरी, मान-सम्मान और नेतृत्व करने की क्षमता का कारक ग्रह होता है। कुंडली में ग्रहों के राजा सूर्य की शुभ स्थिति होने पर जातक करियर में खूब मान-सम्मान और तरक्की प्राप्ति होती है। कुंडली के दशम भाव यानी की कर्म भाव में यदि सूर्य ग्रह अकेले बैठे हैं, तो ऐसे व्यक्ति के सरकारी नौकरी के अच्छे योग होते हैं। कुंडली में सूर्य की स्थिति शुभ होने पर जातक कार्यक्षेत्र में बॉस की भूमिका निभाता है।
शनि
ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को कर्म और नौकरी का कारक माना जाता है। कुंडली में इस ग्रह की शुभ स्थिति पर व्यक्ति को करियर में अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। वहीं शनि की मदद से जातक अच्छी नौकरी करने में सफल होता है। वहीं यदि कुंडली में शनि की स्थिति अच्छी नहीं होने पर जातक को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मंगल
मंगल ग्रह को भूमिपुत्र कहा जाता है और यह पराक्रम और साहस का कारक ग्रह माना जाता है। कुंडली में मंगल ग्रह की शुभ स्थिति होने पर करियर और कारोबार में अच्छा करते हैं। मंगल की शुभ दृष्टि से व्यक्ति के मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है।
बुध
बुध ग्रह को वाणी, बुद्धि, व्यापार और संचार का कारक माना जाता है। कुंडली में बुध ग्रह के शुभ और बली होने पर व्यक्ति को करियर में तरक्की मिलती है और वह धन एकत्रित करता है। कुंडली में बुध की स्थिति अच्छी होने से जातक करियर में जो भी फैसले लेता है, उसमें लाभ मिलता है।
गुरु
ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को शुभ और अच्छा फल देने वाला ग्रह माना जाता है। यह ग्रह नौकरी का कारक ग्रह माना जाता है और कुंडली के 10वें भाव में गुरु के होने पर व्यक्ति को अच्छी जगह नौकरी मिलती है। ऐसे में व्यक्ति बहुत मेहनती और ईमानदार होता है। गुरु ग्रह के शुभ प्रभाव से जातक ऊंचा मुकाम प्राप्त करता है।