लालापुर, प्रयागराज। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव की आराधना,तपस्या और श्रद्धा से महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर उपवास और पूजा से भगवान शिव को प्रसन्न किया जाता है। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का अभिषेक करने का विशेष महत्व होता है।लालापुर के मनकामेश्वर मंदिर में मंगलवार को महाशिवरात्रि पर्व के कारण 04 बजे भोर से ही शिवभक्तों ने जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की।माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। शास्त्रों की माने तों महाशिवरात्रि की रात ही भगवान शिव करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। इसके बाद से हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है।प्रयागराज शहर से लगभग 40 किमी० दक्षिण पश्चिम छोर पर विराजमान भगवान भूतेश का शिवलिंग भक्ति का अद्भुत संगम है।यमुना नदी के किनारे पहाड़ की चोटी पर विराजमान भगवान शिव का दर्शन पूजन करने के लिए दूर दूर से भक्त आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण करतें हैं।कहा जाता है कि भगवान राम ने वनगमन के समय मनकामेश्वर शिवलिंग की स्थापना की थी।लालापुर के मनकामेश्वर धाम में हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है।पहाड़ के चोटी पर विराजमान भगवान भूतेश का शिवलिंग भक्ति का अद्भुत संगम है।ग्राम प्रधान भटपुरा-लालापुर शंकरलाल पाण्डेय ने बताया कि मनकामेश्वर धाम में जो भी भक्त श्रद्धा और भक्ति भगवान शिव की पूजा अर्चना करता उसकी मनोकामना जरूर पूर्ण होती है।
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