जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले साल नौ मई को हुई हिंसा से जुड़े मामलों में मुकदमे के लिए उन्हें संभावित रूप से सेना को सुपुर्द किए जाने के खिलाफ मंगलवार को उच्च न्यायालय का रुख किया। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दो दिन पहले कहा था कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक खान पर सैन्य मुकदमे की संभावना है। खान ने अपने वकील उजैर करामात भंडारी के माध्यम से इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की ताकि उन पर असैन्य मुकदमा चले। उन्होंने याचिका में विधि सचिव, गृह सचिव, इस्लामाबाद और पंजाब के महानिरीक्षकों, संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के महानिदेशक और कारागार महानिरीक्षक को प्रतिवादी बनाया है। खान (71) ने याचिका में अदालत से अनुरोध किया कि अधिकारियों को आदेश जारी किया जाए कि उन्हें सैन्य हिरासत में नहीं भेजा जाए और असैन्य न्याय प्रणाली के तहत ही उन पर मुकदमा चले। असैन्य अधिकारियों ने पिछले साल मई में खान की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में गिरफ्तार सौ से ज्यादा लोगों को सेना के हवाले किया है। खान को भी अपने साथ इसी तरह का कुछ होने की आशंका है और उन्होंने 25 जुलाई को लाहौर उच्च न्यायालय में भी इसी तरह की याचिका दायर की थी।
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